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शेयर बाजार में भारी गिरावट, अमेरिकी टैरिफ और विदेशी निवेशकों की बिकवाली बनी वजह!

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। मंगलवार को दोपहर के सत्र में बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई. इसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा है। इस टैरिफ का उद्देश्य कुछ देशों विशेष रूप से चीन और रूस द्वारा मौजूदा शुल्क से बचने की रणनीति को रोकना है।

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inkhbar News
  • Last Updated: February 11, 2025 15:49:42 IST

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। मंगलवार को दोपहर के सत्र में बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा है। दोपहर 1:41 बजे सेंसेक्स 1,038 अंकों की गिरावट के साथ 1.25% नीचे था, जबकि निफ्टी 327 अंकों की गिरावट के साथ 1.3% कमजोर हो गया। इसके अलावा मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में 3.5% तक की गिरावट देखने को मिली।

अमेरिका के टैरिफ का असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा की है, जो 4 मार्च से प्रभावी होगा। इस टैरिफ का उद्देश्य कुछ देशों विशेष रूप से चीन और रूस द्वारा मौजूदा शुल्क से बचने की रणनीति को रोकना है। ट्रंप का मानना है कि इस कदम से अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

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भारत पर पड़ेगा असर?

भारत का अमेरिका को स्टील निर्यात सीमित है लेकिन एल्युमिनियम के मामले में स्थिति अलग है। भारत दुनिया के प्रमुख एल्युमिनियम उत्पादकों में से एक है और अमेरिका इसका सबसे बड़ा खरीदार है। टैरिफ में वृद्धि से भारतीय कंपनियों वेदांता और हिंडाल्को को नुकसान हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि समय के साथ ये कंपनियां नए बाजार तलाश सकती हैं लेकिन फिलहाल उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। खासतौर पर यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भी गिरा बाजार

शेयर बाजार में गिरावट का एक अन्य प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 78000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेच दिए। वहीं 10 फरवरी तक, FPI ने 7342 करोड़ रुपये की निकासी कर ली. जनवरी 2025 में FII ने 23 में से 22 कारोबारी सत्रों में बिकवाली की, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है। अब निवेशकों की नजर प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा और वैश्विक बाजारों के रुख पर रहेगी, जिससे बाजार की आगे की दिशा तय होगी।

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