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नौकरियों का नया दौर: बॉस होंगे गायब, AI से बदल रहा है जॉब मार्केट

देश में नौकरियों की स्थिति को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने के बाद छंटनी का दौर

New era of jobs Bosses will disappear job market changing with AI
inkhbar News
  • Last Updated: August 3, 2024 18:41:27 IST

Self Employment: देश में नौकरियों की स्थिति को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने के बाद छंटनी का दौर शुरू हो गया है, जिससे भविष्य को लेकर आशंकाएं बढ़ गई हैं। लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आगे जाकर नौकरियों का क्या होगा।

गिग इकोनॉमी और छोटे स्टार्टअप का भविष्य

प्रसिद्ध निवेशक नवल रविकांत ने भविष्य की नौकरियों के बारे में कहा कि इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के चलते सेल्फ एम्प्लॉयमेंट तेजी से बढ़ेगा। पारंपरिक नौकरियों के तरीके भविष्य में काम नहीं आएंगे। गिग इकोनॉमी और छोटे स्टार्टअप ही भविष्य हैं। इससे लोगों में वर्क सेटिस्फेक्शन और प्रोडक्टिविटी दोनों बढ़ेंगे। अगले 50 साल में नौकरियां पूरी तरह से बदल जाएंगी और लोग अपने लिए काम करेंगे।

आजादी से काम करने का युग

नवल रविकांत, जो उबर और ट्विटर जैसी बड़ी कंपनियों के निवेशक रहे हैं, का कहना है कि आने वाले समय में लोग खुद रोजगार पैदा करने पर जोर देंगे। उन्होंने एक पॉडकास्ट में कहा कि आज की नौकरियां अगले 50 साल में नहीं होंगी। हम अब सूचना के दौर में हैं, जहां लोग आजाद होकर काम करेंगे। पहले कृषि युग और फिर औद्योगिक युग आया, जिससे हमारी व्यक्तिगत आजादी छिन गई। अब लोग भविष्य में स्वतंत्र रूप से काम करेंगे।

कॉरपोरेट ढांचे से ऊब चुके लोग

लोग कॉरपोरेट ढांचे से ऊब चुके हैं और टेक्नोलॉजी ने काम में ऑटोमेशन जैसी चीजों को शामिल कर दिया है। स्टार्टअप्स और गिग इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही है। लोग अपनी पसंद का काम चुन रहे हैं और मनमर्जी से छुट्टियां ले रहे हैं। रिमोट वर्क को प्राथमिकता दी जा रही है। नवल रविकांत ने बताया कि वह अपनी कंपनी में भी इसी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे लोग छोटी कंपनियों में ज्यादा क्रिएटिव काम कर पा रहे हैं।

नौकरियों का नया युग

भविष्य में नौकरियों का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा। लोग स्वतंत्र रूप से काम करेंगे और बॉस जैसा शब्द शायद डिक्शनरी से गायब हो जाएगा। गिग इकोनॉमी और छोटे स्टार्टअप्स के चलते लोगों में काम के प्रति संतोष और प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी। यह नया युग, सूचना और आजादी का युग होगा।

 

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