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महंगाई के शिखर पर ओडिशा, बिहार और कर्नाटक: बढ़ती कीमतों ने बिगाड़ी आम आदमी की जिंदगी

देश में जून महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.08% हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण खाने-पीने की चीजों के दामों में बढ़ोतरी है।

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  • Last Updated: July 15, 2024 19:28:36 IST

नई दिल्ली: देश में जून महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.08% हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण खाने-पीने की चीजों के दामों में बढ़ोतरी है। एसबीआई की नई रिसर्च बताती है कि देश के 22 राज्यों में से 12 राज्यों में महंगाई दर राष्ट्रीय औसत 5.1% से भी ज्यादा है। सबसे ज्यादा महंगाई ओडिशा (7.22%) में है, उसके बाद बिहार (6.37%) और कर्नाटक (5.98%) का नंबर आता है।

शहर और गांव में महंगाई का अंतर

शहरों और गांवों में महंगाई के अलग-अलग आंकड़े देखने को मिले हैं। जून में शहरी महंगाई दर 4.39% रही जबकि ग्रामीण महंगाई दर 5.66% पर पहुंच गई। गांवों में खाने की चीजें (54.2%) ज्यादा खाई जाती हैं, जबकि शहरों में यह आंकड़ा 36.3% है। इसलिए गांवों में महंगाई का असर ज्यादा दिखता है।

सब्जियों के दाम में उछाल

जून में महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण सब्जियों के दाम में 29.32% का उछाल है। पिछले कुछ महीनों से महंगाई दर में कमी देखी जा रही थी, लेकिन जून में खाने-पीने की चीजों की बढ़ती कीमतों ने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। ऑल-इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आंकड़ों के मुताबिक, जून 2024 में सालाना आधार पर खुदरा महंगाई दर 5.08% (अनंतिम) रही।

खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर

खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर मई में 8.69% थी, जो जून में बढ़कर 9.36% हो गई। अनाज, मांस, मछली, अंडे, दूध, तेल, फल, सब्जियां, दालें, चीनी, मसाले और नमकीन जैसी चीजों के दाम बढ़ने से यह इजाफा हुआ है। यह आंकड़ा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1,114 शहरी और 1,181 ग्रामीण बाजारों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है।

महंगाई के इस बढ़ते स्तर ने आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सब्जियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट पर दबाव डाला है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को महंगाई पर काबू पाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है ताकि आम लोगों को राहत मिल सके।

 

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