भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian GDP) वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। ईवाई इकनॉमी वॉच की ताजा रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, संतुलित राजकोषीय रणनीति और मानव पूंजी विकास पर ध्यान देने से भारत की दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिलेगी।
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में आम आदमी की जिंदगी जी रहे दो छोटे दुकानदारों को इनकम टैक्स विभाग की ओर से करोड़ों रुपये के बकाया का नोटिस भेजा गया है।
किसी भी वक्त अचानक पैसों की जरूरत पड़ सकती है, अगर आपके पास इमरजेंसी फंड या बचत नहीं है, तो पर्सनल लोन लेना मजबूरी बन जाता है। हालांकि, यह सबसे अधिक ब्याज दर वाला लोन होता है, इसलिए इसे लेने से पहले सभी विकल्पों पर विचार करना बेहद जरूरी है।
सोने में निवेश करने वाले लोगों के मन में भी, इसके दाम में लगातार उतार-चढ़ाव होने के कारण चिंता बनी रहती है। इसी बीच आईसीआईसीआई बैंक ग्लोबल मार्केट्स की एक रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और अमेरिकी नीतियों का असर सोने की कीमतों पर पड़ता रहेगा।
ईद-उल-फितर से पहले कश्मीर घाटी के बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है। श्रीनगर के लाल चौक समेत प्रमुख बाजारों में इस बार ग्राहकों की कमी के कारण व्यापारी भारी नुकसान झेल रहे हैं।
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, एलन मस्क, अपने अजीब निर्णयों के लिए मशहूर हैं। अब उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को अपनी एक कंपनी एक्सएआई को बेचने का फैसला किया है।
मार्च खत्म होने वाला है और 1 अप्रैल 2025 से नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है। हर महीने की तरह इस बार भी कई अहम बदलाव लागू होने वाले हैं, जो आम लोगों की जेब पर सीधा असर डालेंगे।
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी घोषणा की है। श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने एक इंटरव्यू में बताया कि गिग वर्कर्स को भी आयुष्मान भारत का लाभ मिलेगा।
सोने की कीमतों ने हाल के दिनों में रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और अब यह 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है. आम लोगों से लेकर निवेशकों तक सभी के लिए चर्चा का विषय बन गई है. पिछले एक दशक में सोने ने जो शानदार प्रदर्शन किया है वह इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाता है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह तेजी बनी रहेगी या कीमतों में गिरावट का दौर शुरू होगा?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे 2 अप्रैल से इस टैरिफ को लागू करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो भारत को भी नुकसान होगा। अमेरिका में हमारे कई उत्पाद बहुत महंगे हो जाएंगे, जिससे भारतीय निर्यातकों को नुकसान होगा। साथ ही, हमें अपने कृषि क्षेत्र को भी खोलना पड़ सकता है।