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क्यों बढ़ रहे दालों के दाम, क्या निर्यात के चलते कम हुई सप्लाई

नई दिल्ली, तेल, सब्जी और ईंधन ने सबकी रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है और इस लिस्ट में अब दालें भी शामिल हो गई हैं. जुलाई के दौरान देश के ज्यादातर शहरों में दालों की महंगाई बढ़ी है. वहीं, अरहर दाल की कीमतों में 4-12 फीसद तक का उछाल देखने को मिल चुका […]

Pulses price hike
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  • Last Updated: July 27, 2022 20:57:59 IST

नई दिल्ली, तेल, सब्जी और ईंधन ने सबकी रसोई का बजट बिगाड़ कर रख दिया है और इस लिस्ट में अब दालें भी शामिल हो गई हैं. जुलाई के दौरान देश के ज्यादातर शहरों में दालों की महंगाई बढ़ी है. वहीं, अरहर दाल की कीमतों में 4-12 फीसद तक का उछाल देखने को मिल चुका है. उड़द दाल का भाव 3-13 फीसद तक बढ़ गया है, वहीं देश में रिकॉर्ड उपज के बावजूद दालों के दाम अब भी बढ़ रहे हैं. फसल वर्ष 2021-22 के दौरान देश में 277.5 लाख टन दलहन का उत्पादन हुआ है, जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन है और 2020-21 के मुकाबले 2021-22 में तकरीबन 23 लाख टन ज्यादा है. ऊपर से इस साल खरीफ दलहन की खेती भी पिछले साल की तुलना में आगे चल रही है. 22 जुलाई तक 90 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खरीफ दलहन की खेती दर्ज की गई है.

कम हुई घरेलू सप्लाई

हालांकि पिछले कुछ समय से देश से दाल के निर्यात में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है और यह बढ़ा हुआ निर्यात घरेलू सप्लाई को सीमित करते जा रहा है. मार्च में खत्म हुए वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान देश से रिकॉर्ड 4.1 लाख टन दलहन का निर्यात हुआ और इस साल अप्रैल-मई के दौरान ही करीब 1.90 लाख टन दलहन का निर्यात हो चुका है, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 5 गुना ज्यादा है.

अरहर दाल की कीमतों में 4-12 फीसद तक का उछाल देखने को मिल चुका है. उड़द दाल का भाव 3-13 फीसद तक बढ़ गया है, वहीं देश में रिकॉर्ड उपज के बावजूद दालों के दाम अब भी बढ़ रहे हैं. फसल वर्ष 2021-22 के दौरान देश में 277.5 लाख टन दलहन का उत्पादन हुआ है, जो अब तक का सबसे ज्यादा उत्पादन है. ऐसे में, ये भी कहा जा रहा है कि दाल के निर्यात बढ़ने के चलते घरेलू सप्लाई कम हो गई है.