नई दिल्ली. योग गुरु बाबा राम की पतंजलि आयुर्वेद कर्ज तले दबी रुचि सोया कंपनी पर बकाया 3 हजार 438 करोड़ रुपए का कर्जा चुकाएगी. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने रुचि सोया के लिए रामदेव की पतंजलि की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है. राजेश शर्मा और वीपी सिंह की पीठ ने मंजूरी देने से पहले कहा कि मामले की सभी हालातों पर चर्चा कर ली गई है. साथ ही पीठ ने रजिस्ट्रार को आदेश दिया कि वे इसकी सूचना तत्काल रिजॉल्यूशन आवेदक, रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल, आईबीबीआई और कर्ज में डूबी कंपनी को दे दें.
गौरतलब है कि रुचि सोया कंपनी पर 9 हजार करोड़ 345 रुपए का कर्ज है. कंपनी पर चढ़े कर्ज में मुख्य कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक है जिसका कर्जा 1800 करोड़ रुपए है. वहीं सेंट्रल बैंक का 816 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक का 734 करोड़, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का 608 करोड़ और डीबीएस बैंक का 243 करोड़ रुपए का एक्सपोजर है. समाधान योजना के तहत इन कर्जदाताओं को अपने एक्सपोजर पर 60 प्रतिशत से ज्यादा हेयरकट लेना होगा.
बता दें कि पतंजलि ने रुचि सोया के लिए 4 हजार 325 करोड़ रुपए की बोली पेश की. साथ ही पतंजलि रुचि सोया में 1700 करोड़ रुपए का निवेश भी करेगी. रुचि सोया को अधिकार में लेने के बाद पतंजलि के कारोबार का और ज्यादा विस्तार होगा. पिछले कुछ सालों में पतंजलि को ग्राहकों का शानदार रिस्पांस मिला है. साल 2017-18 में पतंजलि 12 हजार करोड़ की कंपनी बन चुकी है.