नई दिल्ली. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रीन रेमिट कार्ड का इस्तेमाल आपको बैंक में मौजूद लंबी लाइन से निजात दिला सकता है. एसबीआई का ग्रीन रेमिट कार्ड बिना पिन का एक आम मेग्नेटिक स्ट्रिप कार्ड है. जिसके उत्पाद का लक्ष्य नॉन-होम नकदी जमा को प्रोत्साहित करना है. ग्रीन रेमिट कार्ड के द्वारा लेनदेन ग्रीन चैनल काउंटर (जीसीसी) या नकदी जमा मशीन (सीडीएम) के जरिए ही किया जाएगा. खास बात है कि बैंक के इस कार्ड का इस्तेमाल गैर खाताधारक भी कर सकते हैं जिन्हें नियमित समय पर एसबीआई में पैसा भेजना होता है. बैंक की ओर ग्रीन रेमिट कार्ड बनाने का 20 रुपए सर्विस चार्ज लिया जाता है.
ग्रीन रेमिट कार्ड का उपयोग
एसबीआई ग्रीन रेमिट कार्ड का इस्तेमाल नामित एसबीआई खाते में कैश जमा करने के लिए किया जा सकता है. हालांकि, यह कार्ड सिर्फ एसबीआई के ग्रीन चैनल काउंटर शाखाओं और नकदी जमा मशीनों में स्वीकार किया जाएगा.
ग्रीन रेमिट कार्ड के द्वारा धनराशि जमा करने की अधिकतम सीमा
ग्रीम रेमिट कार्ड के इस्तेमाल से धनराशि सिर्फ नकद ही जमा की जाएगी. प्रति ग्राहक के लिए 5 हजार रुपए से लेकर 25 हजार के लेन-देन की सीमा है.
एसबीआई ग्रीन रेमिट कार्ड से कैसे करें लेनदेन
1. पैसा भेजने वाला ग्राहक किसी भी जीसीसी या सीडीएम में जाकर पहले निर्धारित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते में नकदी जमा कर सकता है.
2. जब आप ग्रीन रेमिट कार्ड स्वाइप करेंगे तो स्क्रीन पर पुष्टि करने के लिए खाते का विवरण आएगा.
3. इसके बाद ग्राहक को धनराशि डालने का संकेत दिया जाता है. इसके साथ ही जमा धनराशि के सत्यापन की पर्ची भी मशीन से निकलती है.
4. लेनदेन के सफल हो जाने के तुरंत बाद पैसा भेजने और प्राप्तकर्ता दोनों लोगों को एसएमएस से संबंधित जानकारी दी जाती है.
5. इसके बाद लाभार्थी के एसबीआई खाते में लेनदेन राशि तथा कार्ड नंबर को अपडेट कर दिया जाता है.
बता दें कि एसबीआई की ग्रीन रेमिट कार्ड जुलाई साल 2013 में शुरू की गई थी. इसके इस्तेमाल से पे-इनस्लिप, विड्राल फार्म पर खर्च होने वाली अतिरिक्त राशि पर लगाम लगेगी. दरअसल एसबीआई की एक शाखा में प्रतिदिन 500 पे इन स्लिप और विड्राल फार्म से ट्रांजेक्शन होता है. शहरी शाखाओं में प्रत्येक दिन 16 हजार फार्म लग जाते हैं. एक फार्म 5 पैसे का आता है और इस तरह हर दिन करीब 800 रुपए का खर्चा आता है.