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आ गई मंदी! Google, Apple और Amazon ने भी घटाई नौकरियां

नई दिल्ली : कोरोना काल के बाद दुनिया भर में मंदी का दौर है. सबसे ज़्यादा यदि किसी क्षेत्र को चोट पहुंची है तो वह है टेक सेक्टर. बात करें बीते 5 से 6 महीनों की तो सबसे बुरा हाल यहीं(tech sector) का रहा है. शेयर बाज़ारों की हालत भी सबसे खराब है. क्या आ […]

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  • Last Updated: July 21, 2022 17:47:01 IST

नई दिल्ली : कोरोना काल के बाद दुनिया भर में मंदी का दौर है. सबसे ज़्यादा यदि किसी क्षेत्र को चोट पहुंची है तो वह है टेक सेक्टर. बात करें बीते 5 से 6 महीनों की तो सबसे बुरा हाल यहीं(tech sector) का रहा है. शेयर बाज़ारों की हालत भी सबसे खराब है.

क्या आ चुकी है मंदी?

कई विशेषज्ञ इस बात की आशंका जता चुके हैं कि आने वाले कुछ महीनों में टेक सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित होने वाला है. दूसरी ओर कई विशेषज्ञों का मनना है कि पहले से ही मंदी ने जगह बना ली है अब बस इसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है. इसी बीच चिंता करने वाली स्थिति बड़ी और दिग्गज कंपनियों को लेकर है जिन्होंने भी अब मंदी से निपटने की तैयारी में कर्मचारियों की छटनी करनी शुरू कर दी है.

स्टार्टअप कंपनियों के बाद अब गूगल, अमेजन, एप्पल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, नेटफ्लिक्स और टेस्ला समेत टेक जगत की तमाम दिग्गज कंपनियां मंदी से निपटने के लिए कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं नहीं तो भर्ती में ही कमी कर रही है. मतलब मंदी के दौर से निपटने की तैयारी में कंपनियां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं. चलिए बताते हैं कि मजबूर टेक कंपनियां इस स्थिति से निपटने के लिए और क्या-क्या कदम उठा रही हैं.

अल्फाबेट/गूगल :

गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने अपनी भर्ती प्रक्रिया कम कर दी है. सीईओ सुंदर पिचाई ने एक इंटरनल मेमो में कर्मचारियों को यह जानकारी दी कि दूसरी तिमाही में गूगल ने भले ही 10 हजार लोगों की भर्ती कि लेकिन साल के बचे हिस्से में इसे धीमा किया जाएगा.

 

अमेज़न :

दुनिया में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली कंपनियों में से एक अमेज़न के साथ मार्च 2022 तक 16 लाख कर्मचारी जुड़े हुए थे. इस साल अप्रैल में कंपनी ने कहा था कि उसके पास जरूरत से ज्यादा कर्मचारी हैं जिस वजह से कंपनी अपने कुछ वेयरहाउसेज को लीज पर चढ़ा रही है और ऑफिस स्पेस के डेवलपमेंट को फिलहाल रोक रही है. क्योंकि कई कर्मचारी महामारी के बाद काम पर लौट आए हैं.

 

एप्पल :

एप्पल ने अब तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है लेकिन ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कि मानें तो कंपनी आर्थिक मंदी से जूझने के लिए भर्तियां कम करने और कुछ डिवीजंस में खर्च घटाने की योजना बना रही है.

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