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पटना में आतंकी मॉडल का खुलासा, PM मोदी का बिहार दौरा था निशाने पर

पटना, पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में एक आतंकवादी मॉडल का भांडाफोड़ हुआ है, इनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा था. इस आतंकी हमले के लिए पीएम के दौरे से 15 दिन पहले फुलवारी शरीफ में संदिग्ध आतंकियों की ट्रेनिंग भी शुरू हुई थी, वहीं पर छापा मारकर संदिग्धों को पकड़ा गया. […]

Patna terror model
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  • Last Updated: July 14, 2022 11:30:27 IST

पटना, पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में एक आतंकवादी मॉडल का भांडाफोड़ हुआ है, इनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा था. इस आतंकी हमले के लिए पीएम के दौरे से 15 दिन पहले फुलवारी शरीफ में संदिग्ध आतंकियों की ट्रेनिंग भी शुरू हुई थी, वहीं पर छापा मारकर संदिग्धों को पकड़ा गया.

रिटायर्ड दरोगा गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने अब तक 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, गिरफ्तार किए गए दोनों कथित आतंकवादियों की पहचान हो गई है, इनमें से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और दूसरा अतहर परवेज है. अतहर परवेज पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके के आरोपी मंजर का सगा भाई है. पुलिस ने बताया है कि दोनों संदिग्ध आतंकवादियों के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े हैं, पुलिस ने इन दोनों के पास से पीएफआई का झंडा, पंपलेट, बुकलेट और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं,इन दस्तावेज़ों में भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का जिक्र किया गया है.

पुलिस ने बताया है कि यह दोनों संदिग्ध आतंकवादी पिछले कुछ समय से पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में आतंक की पाठशाला चला रहे थे, पुलिस के मुताबिक अतहर परवेज मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर मोहम्मद जलालुद्दीन का एनजीओ संचालित कर रहा था. जानकारी के मुताबिक अतहर ने ₹16000 किराए पर मोहम्मद जलालुद्दीन के फुलवारीशरीफ स्थित अहमद पैलेस, नया टोला इलाके में फ्लैट लिया था जहां से वह इस देश विरोधी मुहिम को चला रहा था.

लड़कों को देते थे ट्रेनिंग

बताया जा रहा है कि अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन दोनों एनजीओ के नाम पर आतंक की मुहिम चला रहे थे और उनका मुख्य उद्देश्य था हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काना. मुस्लिम नौजवानों को यह दोनों अस्त्र-शास्त्र की ट्रेनिंग दिया करते थे और फिर राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला स्तर पर पीएफआई और एसडीपीआई के सक्रिय सदस्यों के साथ बैठकें कर योजना बनाते थे.