दिल्ली में बीजेपी को बंपर जीत मिली है लेकिन इन 8 पॉइंट्स पर अगर उसने मेहनत न की होती तो केजरीवाल को हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता। जानिए वो कौन सी 8 बड़ी चालें हैं जो बीजेपी ने चलीं और बाजी मार ली।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं. भारतीय जनता पार्टी यहां सरकार बना रही है. आम आदमी पार्टी तो हारी ही है, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी अपना खाता नहीं खोल पाई है. ओवैसी ने सीएए-एनआरसी के केंद्र शाहीनबाग (ओखला) से उम्मीदवार खड़ा किया था, लेकिन वह जीत नहीं सके. वहीं, ओवैसी ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से टिकट दिया था. वहीं अब सवाल यह उठता है कि आखिर ताहिर हुसैन क्यों मुस्तफाबाद से हारे?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार हुई है। इस हार ने अरविंद केजरीवाल के लिए कई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भाजपा जिसके पीछे पड़ती है उसे छोड़ती नहीं है लिहाजा उसकी कोशिश होगी कि केजरीवाल को जेल भेजकर आप की जमीन छीन ली जाए. खास बात यह कि ये एक ऐसा मुद्दा है जिस पर कांग्रेस भी उसका साथ देगी. इस हार के बाद तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहें है...
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. अब तक आए नतीजों और रुझानों के मुताबिक, दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी लगातार चौथी बार जीत हासिल करने में नाकाम रही है। करीब 27 साल बाद बीजेपी ने दिल्ली में अपनी ताकत दिखाई है. यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी अपनी सीट हार गए हैं. वहीं बीजेपी की जीत के बाद सोशल मीडिया में इस महिला की चर्चा हो रही है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली की 70 में से 44 सीट बीजेपी जीत चुकी है और 4 पर लीड कर रही है. आम आदमी पार्टी के खाते में सिर्फ़ 22 सीटें आई हैं। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली लेकिन कम से कम 17 सीटें ऐसी रहीं, जिन पर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (आप) को हराने में अहम भूमिका निभाई. '0' पर आउट होकर कांग्रेस ने बीजेपी को करवाया बल्ले-बल्ले....
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जनमत संग्रह से ज्यादा कुछ नहीं हैं। उन्होंने कहा, 2015 और 2020 में जब प्रधानमंत्री की लोकप्रियता चरम पर थी, तब भी आप ने दिल्ली में निर्णायक जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि वह 2030 तक दिल्ली में सरकार बना लेंगें.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की हार पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भावुक हो गए. अन्ना हजारे ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने केजरीवाल को बहुत समझाया, लेकिन उन्होंने समाज के बारे में नहीं सोचा और राजनीति में चले गये.
अमानतुल्लाह खान को 68,162 वोट मिले हैं. वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के कैंडिडेट शिफा-उर रहमान 38,132 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं. वहीं अब सवाल यह उठता है कि बहुत सारे लोग अमानतुल्लाह खान से नाराज थे, तो फिर अचानक सत्ता कैसे पलट गई? तो बता दें कि ओखला से कांग्रेस और AIMIM के उम्मीदवार भी खड़े हुए थे।
BJP राजधानी दिल्ली में सरकार बनाने के लिए तैयार है। अब दिल्ली की जनता की निगाहें केजरीवाल के उन वादों पर हैं, जिनके दम पर आम आदमी पार्टी इतने लंबे समय तक सरकार में बनी रहीं। क्या विधानसभा चुनाव में भाजपा के जीतते ही बिजली और पानी के तगड़ा बिल आने शुरू हो जाएंगे? अब आम आदमी पार्टी की 'मुफ्तवाली ' योजनाओं का क्या होगा?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता जो भी फैसला करेगी वह हमें मंजूर है. मैं बीजेपी को इस जीत के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. जनता ने जिस उम्मीद के साथ उन्हें बहुमत दिया है, वह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।