नई दिल्ली: यह दर्दनाक घटना पूरे गांव को झकझोर देने वाली थी। सुबह-सुबह जब परिवार के छह सदस्यों की मौत की खबर गांव पहुंची, तो पूरा माहौल शोक में डूब गया। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई, और गाँव के लोग बड़ी संख्या में शोक संतप्त परिवार के पास जमा हो गए।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस हादसे में संजय, उनकी पत्नी करुणा, बेटा लालबाबू और तीन रिश्तेदार बच्चियाँ बुलबुल, जुही और प्रियम की मौत हो गई। बताया जाता है कि तीनों बच्चियों में एक संजय की भतीजी थी और दो सरबेटी। संजय कुछ साल पहले एनसीसी से सेवानिवृत्त हुए थे और पटना के मीठापुर इलाके में अपना नया घर बनवाया था। घर बन जाने के बाद पूरा परिवार वहीं शिफ्ट हो गया था, और गाँव में उनका आना-जाना कभी-कभार ही होता था। संजय तीन भाइयों में बीच के थे। बड़े भाई गाँव में अपने परिवार के साथ रहते थे, जबकि छोटे भाई अमीन थे।
हादसा तब हुआ जब संजय अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के साथ कुंभ स्नान के बाद पटना लौट रहे थे। आरा के पास दुल्हिनगंज, जगदीशपुर थाना क्षेत्र में उनका वाहन एक बड़े सड़क हादसे का शिकार हो गया, जिसमें सभी छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
गाँव के एक बुजुर्ग वीरमनी ने बताया कि संजय और करुणा की तीन बेटियाँ और एक बेटा था। इस हादसे में उनका बेटा भी चल बसा, जिससे परिवार लगभग समाप्त हो गया। उनकी सबसे बड़ी बेटी कोमल की शादी तीन साल पहले हुई थी, दूसरी बेटी स्मृति गया कोर्ट में कार्यरत थी और सबसे छोटी बेटी श्रृंखला अभी पढ़ाई कर रही थी। इस घटना से पूरा परिवार सदमे में है।
पोस्टमार्टम के बाद चार एंबुलेंस से सभी शव पटना स्थित उनके आवास पर लाए गए, जहां से देर शाम गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। संजय के बड़े भाई अजय गाँव में होम्योपैथ के चिकित्सक हैं और खेती भी संभालते हैं। इस हादसे ने पूरे गांव को शोकाकुल कर दिया है, और परिजनों की स्थिति दयनीय बनी हुई है।
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