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किसी के बाप का नहीं गांधी मैदान, प्रशांत किशोर की हुंकार, जानें क्या कहा

क्‍या बिहार में छात्रों को उकसाया? प्रशांत किशोर बोले- 'गांधी मैदान किसी के पिताजी का तो है नहीं...'बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी परीक्षा में अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे छात्रों के बीच रविवार को प्रशांत किशोर पहुंचे, तो बवाल हो गया. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और इस दौरान पीके वहां से चले गए. इसके बाद कई सवाल उठे

Prashant Kishor in gandhi maidan
inkhbar News
  • Last Updated: December 31, 2024 17:45:14 IST

पटना:  रविवार को पटना के गांधी मैदान में जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा छात्र संसद का आयोजन किया गया, जिसमें काफी हंगामा हुआ। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रशासन का कहना था कि प्रशांत किशोर ने अनुमति नहीं ली थी। एक चैनल से बात-चीत के दौरान प्रशांत किशोर से पूछा गया कि बिना अनुमति के प्रदर्शन में क्यों शामिल हुए, तो उन्होंने कहा, “गांधी मैदान किसी के पिताजी का नहीं है, यह सभी बिहारवासियों का है। वहां प्रदर्शन के लिए अनुमति की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए।” यह प्रदर्शन बीपीएससी री-एग्जाम की मांग को लेकर हो रहा था, जिसमें छात्रों के द्वारा लंबे समय से विरोध किया जा रहा था।

छात्रों के सुरक्षा के लिए किया समर्थन

प्रशांत किशोर पर आरोप लगाए जा रहे थे कि उन्होंने छात्रों को उकसाया, लेकिन उन्होंने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा, “मैं पहले दस दिनों तक छात्रों के प्रदर्शन में शामिल नहीं था, क्योंकि यह सरकार और छात्रों के बीच का मामला था। लेकिन जब पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया और एक छात्र ने आत्महत्या कर ली, तो मुझे लगा कि हमें उनका समर्थन करना चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धरने पर बैठे छात्रों पर गलत एफआईआर न हो। इसलिए मैंने धरना स्थल पर जाने का निर्णय लिया। हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण था।”

मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया

प्रशासन से इजाजत न मिलने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, “अगर पांच हजार छात्रों को एक जगह इकट्ठा होना है, तो वे कहां जाएंगे? गांधी मैदान एक सार्वजनिक स्थल है। हजारों लोग वहां रोज आते हैं। अगर इतने बड़े मैदान के एक हिस्से में पांच हजार छात्र बैठकर बात कर रहे हैं, तो इसके लिए किस अनुमति की आवश्यकता है?”

क्या हुआ था…

रविवार को, जब प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली, तो प्रशांत किशोर अपने समर्थकों के साथ गांधी मैदान पहुंचे और वहां से मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकले। रास्ते में प्रशासन ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने लगे। अंत में प्रशांत किशोर गांधी मूर्ति के पास लौट आए और वहां बैठ गए। प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।

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