पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने चेतावनी दी कि हरियाणा, दिल्ली व महाराष्ट्र की तरह बिहार में बीजेपी का जीतना मुश्किल है। इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन उससे पहले उदीपांकर भट्टाचार्य ने दावा किया कि जैसे दिल्ली में सत्ता विरोधी भावना ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ काम किया, उसी तरह की भावना बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को नुकसान पहुंचाएगी।
भट्टाचार्य ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि कांग्रेस ने आप के वोट काटे, जिसके कारण अरविंद केजरीवाल के करारी हार हुई। उन्होंने कहा अगर कांग्रेस और आप के बीच बेहतर समझ होती, तो भाजपा को कड़ी टक्कर मिलती। भट्टाचार्य ने कहा, “ आप को इससे सबक लेना चाहिए। इसने 10 प्रतिशत से अधिक वोट खो दिए हैं। उसे इस बात पर विचार करना चाहिए कि उसने आम आदमी का विश्वास कैसे खो दिया। सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के नेता ने आरोप लगाया कि दिल्ली में चुनाव ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से’ नहीं हुए और चुनाव आयोग ने मतदाताओं को डराने-धमकाने और मतदाता सूचियों में हेराफेरी की शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया।
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, “महाराष्ट्र में इन शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया, जहां भाजपा और उसके सहयोगियों ने शानदार जीत हासिल की। दिल्ली में भी यही कहानी दोहराई गई। अगर चीजें इसी तरह चलती रहीं, तो चुनाव एक तमाशा बनकर रह जाएगा। उन्होंने कहा, बिहार में महागठबंधन बहुत पुराना है। हमने 2020 में एक साथ चुनाव लड़ा और 2025 में फिर से एक साथ लड़ेंगे। हम यहां भाजपा को हराएंगे, जैसा कि हमने पड़ोसी झारखंड में किया था। बिहार के लोग 20 साल से भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशासन को झेल रहे हैं।
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