Inkhabar
  • होम
  • चुनाव
  • दिल्ली चुनाव: कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की आखिरी संभावना खत्म, किसे होगा नुकसान?

दिल्ली चुनाव: कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की आखिरी संभावना खत्म, किसे होगा नुकसान?

बताया जा रहा है कि कांग्रेस से गठबंधन नहीं होने पर AAP को नुकसान हो सकता है। कांग्रेस अगर मजबूती से चुनाव लड़ती है तो एंटी बीजेपी वोटों में बिखराव होगा और इससे आम आदमी पार्टी को बड़ा नुकसान होगा।

Arvind Kejriwal-Rahul Gandhi
inkhbar News
  • Last Updated: December 12, 2024 23:14:11 IST

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की आखिरी संभावना भी गुरुवार को खत्म हो गई। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। बता दें कि इससे पहले संभावना जताई जा रही थी कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन हो सकता है। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। मालूम हो कि 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस का दिल्ली में गठबंधन था। इस चुनाव में दिल्ली की 7 सीटों में 4 पर AAP और 3 पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि 7 सीटों पर विपक्ष को हार का सामना करना पड़ा था। 2014 और 2019 की तरह बीजेपी ने 2024 के चुनाव में भी दिल्ली में क्लीन स्वीप किया था।

किसे नुकसान होगा?

बताया जा रहा है कि कांग्रेस से गठबंधन नहीं होने पर AAP को नुकसान हो सकता है। कांग्रेस अगर मजबूती से चुनाव लड़ती है तो एंटी बीजेपी वोटों में बिखराव होगा और इससे आम आदमी पार्टी को बड़ा नुकसान होगा। कांग्रेस की रणनीति से साफ जाहिर है कि इस बार वो दिल्ली में मजबूती से चुनाव लड़ना चाहती है। इसकी एक झलक कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में दिखा दी है, पार्टी ने आप सुप्रीम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिग्गज नेता संदीप दीक्षित को खड़ा किया है।

मां की हार का बदला लेंगे संदीप?

बता दें कि संदीप दीक्षित की मां शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक नई दिल्ली से विधायक थीं। 2013 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को नई दिल्ली से हरा दिया था। इसके बाद केजरीवाल लगातार तीन बार यहां से विधायक चुने जाते रहे हैं। लेकिन इस बार उन्हें कड़ा मुकाबला मिल सकता है। संदीप दीक्षित केजरीवाल को हराकर उनसे अपनी मां की हार का बदला लेना चाहेंगे।

10 साल से दिल्ली की सत्ता में है AAP

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी पिछले 10 सालों से दिल्ली की सत्ता में है। 2015 के विधानसभा चुनाव में जहां AAP ने 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 2020 के चुनाव में पार्टी को 70 में से 62 सीट पर जीत मिली। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि पार्टी की राह मुश्किल होने वाली है।

AAP के लिए ये मुश्किल चुनाव

बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव काफी मुश्किलों भरा बताया जा रहा है। AAP को सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए अपने 70% विधायकों का टिकट काटना पड़ रहा है। इसके साथ ही मनीष सिसोदिया जैसे दिग्गज नेता को अपनी सीट बदलनी पड़ी है।

यह भी पढ़ें-

ओझा सर का खेल बिगड़ा! कांग्रेस ने पटपड़गंज से इस कद्दावर नेता को दे दिया टिकट