नई दिल्ली। दिल्ली में कल यानी 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के परिणाम आएंगे। इससे पहले राजधानी में सियासत गरमाई हुई है। दिल्ली की दोनों प्रमुख पार्टियां- AAP और बीजेपी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही है। एग्जिट पोल्स जहां बीजेपी की एकतरफा जीत का अनुमान जता रहे हैं। वहीं अरविंद केजरीवाल एंड टीम को अभी भी आम आदमी पार्टी के जीतने की उम्मीद है।
दिल्ली चुनाव को लेकर राजनीतिक जानकारों की राय भी बंटी हुई नजर आ रही है। कुछ राजनीतिक पंडित जहां बीजेपी को जिता रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि AAP को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इस बीच एक बड़ा वर्ग है, जिसके चुनावी महत्व की खूब चर्चा हो रही है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस वर्ग को बीजेपी ने खूब साधने की कोशिश की लेकिन वोटिंग से ऐन पहले इस वर्ग ने AAP को समर्थन दे दिया है।
किसके साथ गया है ये ‘बड़ा वर्ग’?
बता दें कि हम जिस बड़े वर्ग की बात कर रहे हैं, वो झुग्गी वोटर्स हैं। दिल्ली में 675 झुग्गी बस्तियां हैं। इन बस्तियों में करीब 30 लाख लोग रहते हैं। झुग्गी में रहने वाले 15 लाख लोग अभी वोट डाल सकते हैं, जिनका प्रभाव करीब 20 विधानसभा सीटों पर है।
दिल्ली के झुग्गीवालों का जिन विधानसभा सीटों पर असर है, उनमें आदर्श नगर, नरेला, मॉडल टाउन, वजीरपुर, संगम विहार, राजेंद्र नगर, तुगलकाबाद, बदरपुर, सीमापुरी, अंबेडकर नगर, कोंडली, त्रिलोकपुरी, मादीपुर, मोती नगर, ओखला, मटियाला, शालीमार बाग और किरारी की सीट शामिल है।
इन्हें AAP का वोटर माना जाता है
दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले लोगों को आम आदमी पार्टी का वोटर माना जाता है। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP को झुग्गीवालों का एकतरफा समर्थन मिला था। 2015 के चुनाव में जहां 66 फीसदी झुग्गी वोटर्स ने AAP को वोट दिया था। वहीं, 2020 के चुनाव में 61 फीसदी झुग्गी वोटर्स का समर्थन आम आदमी पार्टी को मिला था।
इस बार किसे मिलेगा समर्थन…
दिल्ली के झुग्गीवाले इस बार किस दल को समर्थन देंगे इसका दावा कर पाना मुश्किल है, लेकिन झुग्गी वोटर्स में अरविंद केजरीवाल और AAP की लोकप्रियता 10 साल बाद भी दूसरे दलों से काफी ज्यादा दिखाई दे रही है। राजनीति जानकार बताते हैं कि इस बार भी आम आदमी को झुग्गी वोटर्स का सबसे ज्यादा समर्थन मिल सकता है।