नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव का आज फैसला होगा । 5 फरवरी को दिल्ली चुनाव के मतदान हुए थे और मतदान से पहले सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। आज, 8 फरवरी को चुनाव परिणामों का पता चलेगा कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। लेकिन शुरुआती रुझानों के मुताबिक, भाजपा 27 साल बाद दिल्ली में अपनी जीत का परचम लहराने में कामयाब होती दिख रही है।
इस चुनाव में भाजपा ने अरविंद केजरीवाल को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी थी, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) इस वक्त 20 सीटों पर आगे चल रही है। अगर ये रुझान हकीकत में बदलते हैं, तो आप के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली की शिक्षा में क्रांति लाने के इरादे से चुनावी मैदान में उतरे अवध ओझा को भी शुरुआती रुझानों में हार का सामना करना पड़ रहा है।
मुस्लिम बहुल क्षेत्र में भाजपा का आगमन
ओखला, जिसे मुस्लिमों का गढ़ माना जाता है, वहां भी भाजपा की जीत की संभावना नजर आ रही है। ओखला से भाजपा के प्रत्याशी मनीष चौधरी 5000 वोटों से भी ज्यादा के मार्जिन से आगे चल रहे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार अमानतुल्लाह खान और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के उम्मीदवार शफाउर रहमान पीछे चल रहे हैं। यह स्थिति इस सवाल को जन्म देती है कि क्या मुस्लिम उम्मीदवारों की तिकड़ी ने भाजपा की जीत में मदद की?
वीरेंद्र सचदेवा का बयान
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शुरुआती रुझान आने के बाद दावा किया कि “अरविंद केजरीवाल का झूठ जनता ने नकार दिया है। यमुना और दिल्ली में गंदगी और प्रदूषण से लोग परेशान हैं और वे दिल्ली में बदलाव चाहते थे। जब भी केजरीवाल से सवाल पूछा जाता था कि दिल्ली में काम क्यों नहीं हो रहा, वह इन सवालों से बचते नजर आते थे। हालांकि, यह सिर्फ शुरुआती रुझान हैं, आगे देखना होगा कि इस बार दिल्ली की जनता ने किसे अपना नेता चुना है।
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