नई दिल्ली. दिल्ली में भगवा राज आने के बाद सीएम रेखा गुप्ता ने सीएम की कुर्सी संभाल ली है और पहले से तैयार रोड मैप के हिसाब से दनादन फैसले ले रही हैं. उन्होंने आयुष्मान योजना दिल्ली में लागू करने और यमुना आरती में शामिल होकर साफ संदेश दिया है कि जो वायदे किये हैं उसे हरहाल में पूरा करेंगे लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इतनी घोषणाएं कर दी है कि उसके लिए पैसा जुटाना टेढ़ी खीर है. सीएम रेखा गुप्ता को नींद नहीं आ रही है कि महिला समृद्धि योजना को लागू करने के लिए सिर्फ दो हफ्ते के समय बचा है. 8 मार्च को महिला दिवस है और उसी दिन उसे लागू करना है. न शर्ते तय है और न ही इसमें कवर होने वाली महिलाओं की संख्या लिहाजा पहले जो सवाल भाजपा उठाती थी वही अब आप पूछ रही है.
महिला समृद्धि के लिए कहां से आएगा पैसा
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में दिल्ली की महिलाओं को महिला समृद्धि योजना के तहत 2500/ रुपये देने का ऐलान किया था. 8 मार्च को महिला दिवस है, उसी दिन से यह योजना लागू होनी है. तैयारियों के लिए दो हफ्ते बचे हैं और बजट का भी अनुमान लगाना है कि इसके लिए कितना पैसा चाहिए. कौन कौन सी महिलाएं इसके लिए पात्र होंगी, यह भी तय होना है लिहाजा जैसे ही इसको लेकर आतिशी ने वार किया सीएम रेखा गुप्ता ने उन्हें खरी खोटी सुना दी. हमारे काम में दखल मत दो.
दिल्ली में कितनी महिलाएं
2011 की जनगणना के मुताबिक दिल्ली में महिला आबादी लगभग 78 लाख है. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जारी अधिकृत आंकड़ों के अनुसार राजधानी में 1.55 करोड़ मतदाता हैं जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या 7173052 है. अनुमान के मुताबिक दिल्ली की कुल आबादी 2 करोड़ के पार है और इसमें आधी आबादी यानी महिलाएं एक करोड़ के पार. अब सवाल है कि महिला समृद्धि योजना के तहत किन महिलाओं को 2500 रुपये मिलेंगे. क्या सभी महिलाओं को मिलेगा. इसका जवाब है कि यह संभव ही नहीं है, इसीलिए भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में साफ कर दिया था कि केवल गरीब महिलाओं को ढाई हजार रुपये दिये जाएंगे. अब जबकि इस पर राजनीति शुरू हो गई है भाजपा के संकल्प पत्र का वो हिस्सा वायरल हो रहा है जिसमें साफ साफ कहा गया है कि ये पैसा सिर्फ गरीब महिलाओं को दिया जाएगा.
शर्तों को लेकर उहापोह
एक बात तो साफ है कि सभी महिलाओं को 2500 रूपये प्रतिमाह नहीं मिलेंगे. जब तक शर्ते तय नहीं हो जाती बताना मुश्किल है कि इस योजना के तहत कितनी महिलाएं कवर होंगी. सूत्रों के मुताबिक जिस परिवार की आय 3 लाख रुपये सालाना है उस परिवार को गरीब माना जा सकता है. इसमें दूसरा सवार है कि क्या एक परिवार से एक ही महिला को मिलेगा या एक से अधिक संख्या होने पर सबको. जो आयकर रिटर्न भरता हो, सरकारी नौकरी में हो, किसी अन्य योजना का लाभार्थी हो उसे इसका फायदा नहीं मिलेगा. भाजपा हो या आप या फिर कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए वायदे तो कर दिये लेकिन जब लागू करने की बारी आयी तो पसीने छूट रहे हैं. सीएम रेखा गुप्ता इसीलिए परेशान हो रही हैं और आप मजे ले रही है.
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