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दिल्ली में मुख्यमंत्री-मंत्री से क्यों नहीं डरता कोई अधिकारी, ये है बड़ी वजह

बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार अफसरों के सामने अक्सर बेबस हो जाती है। अधिकारियों के अंदर AAP सरकार का कोई डर नहीं है।

Arvind Kejriwal-Atishi
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  • Last Updated: December 26, 2024 16:37:20 IST

नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा बढ़ा हुआ है। इस बीच लगातार तीसरी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिशों में जुटी आम आदमी पार्टी एक बड़ी मुसीबत में फंस गई है। दरअसल, AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों महिला सम्मान योजना की घोषणा की थी। इसके तहत पूरी दिल्ली में 10 लाख से ज्यादा महिलाओं के रजिस्ट्रेशन करवाए गए।

इस बीच दिल्ली सरकार के महिला और बाल विकास विभाग ने बुधवार-25 दिसंबर की सुबह अखबारों में विज्ञापन छपवाया, जिसमें लिखा था कि राज्य में महिला सम्मान योजना जैसी कोई भी योजना नहीं है। इसके साथ ही बुजुर्गों के मुफ्त इलाज वाली संजीवनी योजना को भी विज्ञापन में फ्रॉड बता दिया गया है।

अफसरों के आगे बेबस AAP सरकार

बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार अफसरों के सामने अक्सर बेबस हो जाती है। बता दें कि दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर अंतिम फैसला लेने के हक उप-राज्यपाल के पास है। यही वजह है कि अधिकारियों के अंदर AAP सरकार का कोई डर नहीं है।

चार बार काट चुके सरकार की बात

गौरतलब है कि दिल्ली में सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच पिछले कुछ महीनों में चार बार अनबन हुई है। पहले मई महीने में सर्विसेज विभाग के सचिव आशीष मोरे ने मंत्री सौरभ भारद्वाज का फैसला मानने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद अगस्त में जीएडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने मंत्री गोपाल राय की बात मानने से इनकार कर दिया। फिर 15 अगस्त को दिल्ली में तिरंगा फहराने वाले मामले में भी मुख्य सचिव ने AAP सरकार की बात नहीं मानी थी।

फिर 1 नवंबर को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जब एक बैठक बुलाई, उसमें विभाग के बड़े अधिकारी नहीं पहुंचे। इसके बाद मीटिंग को कैंसल करना पड़ा।

पिछले 10 साल से सत्ता में है AAP

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी पिछले 10 सालों से दिल्ली की सत्ता में है। 2015 के विधानसभा चुनाव में जहां AAP ने 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 2020 के चुनाव में पार्टी को 70 में से 62 सीट पर जीत मिली। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि पार्टी की राह मुश्किल होने वाली है।

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