देश में जब आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग की चर्चा होती है, तो उसमें हरियाणा कैडर के आईएएस अफसर अशोक खेमका (IAS Ashok Khemka) का नाम जरूर आता है. आखिर उनका जिक्र क्यों न आये अपनी ईमानदारी और कड़े फैसलों की वजह से 34 साल की नौकरी में 57 बार ट्रांसफर झेला. 8 बार वह अपने पद पर एक महीने भी नहीं टिक पाये. अशोक खेमका कल यानी 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त हो गए. रिटायर होने के बाद खेमका ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट लिखा है, जो वायरल हो गया है.

कोलकाता का मारवाड़ी बना जाटलैंड का धाकड़

अशोक खेमका मूल रूप से कोलकाता, पश्‍चिम बंगाल के रहने वाले हैं. उनका जन्‍म पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ. पिता शंकरलाल खेमका जूट मिल में क्‍लर्क थे. खेमका ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बीटेक किया. उन्‍होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई से कंप्यूटर साइंस में Ph.D. भी की. इसके अलावा खेमका ने MBA भी किया. खेमका ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) से इकोनॉमिक्‍स में MA की डिग्री भी ली थी.

ईमानदार व निडर अशोक खेमका

वह 1991 बैच के हरियाणा कैडर के ऐसे IAS अधिकारी रहे जिन्होंने जुनून में काम किया और जो सही लगा उस पर टिके रहे. अपने अक्खड़ मिजाज और ईमानदारी की वजह से पूरी सर्विस के दौरन सुर्खियों में रहे. खेमका का जन्‍म 30 अप्रैल 1965 को हुआ था. अब उसी तारीख 30 अप्रैल 2025 को 60 साल की उम्र पूरी कर वह सेवानिवृत्त हो गये.

अशोक खेमका की भावुक पोस्ट वायरल

आईएएस सेवा से रिटायर होने के बाद अशोक खेमका ने अपने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर लिखा कि अगर इस सफर में अनजाने में किसी को ठेस पहुंचाई हो, तो मैं क्षमा चाहता हूं. उन्होंने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर लिखा कि आज मैं अपनी IAS यात्रा पूरी कर रहा हूं.अपने परिवार, सहयोगियों और शुभचिंतकों का आभार व्यक्त करता हूं, जिनके अडिग समर्थन के बिना यह सफर संभव नहीं था. यदि इस यात्रा के दौरान किसी को ठेस पहुंची हो, तो क्षमा चाहता हूं.एक सवाल यह भी है कि अशोक खेमका सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे. इस पर उन्होंने जवाब दिया है कि बार काउंसिल से अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन करेंगे. यानी जीवन के अगले चरण में वकील के रूप में नजर आएंगे.

वाड्रा-DLF की डील रद्द कर सुर्खियां बने खेमका

यूं तो अशोक खेमका अपने सेवा काल में अक्सर सुर्खियों में रहते थे लेकिन सबसे अधिक सुर्खियों में वो तब आये जब उन्‍होंने साल 2012 में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट कंपनी DLF के बीच हुई जमीन की एक डील को रद्द कर दिया. इस कार्रवाई के बाद उन्हें एक ईमानदार और निडर अधिकारी के रूप में देखा जाने लगा. 2019 में उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रशासनिक व्यवस्था पर नाराजगी जताई थी और लिखा था कि अब शासन सेवा नहीं रहा, यह व्यापार बन गया है.

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