नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। इस बीच सीएम फडणवीस ने 15 दिनों के अंदर शिंदे को दूसरा बड़ा झटका दिया है। फडणवीस ने शिंदे के बेहद करीबी माने जाने वाले बिल्डर अजय अशर को महाराष्ट्र इंफॉर्मेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन (मित्र) के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। बता दें कि जब शिंदे सीएम थे, तब उन्होंने अजय की नियुक्ति की थी. लेकिन अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अजय अशर को मित्र से हटा दिया है।

पहले भी पलटा था ये वाला फैसला

इससे पहले फडणवीस ने शिंदे के मुख्यमंत्री रहते हुए लिए गए एक और फैसले को पलट दिया था। बता दें कि एकनाथ शिंदे सरकार के दौरान स्वास्थ्य मंत्री रहे तानाजी सावंत ने एक कंपनी को 3,200 करोड़ रुपये का मैकेनिकल सफाई का ठेका दिया था। सीएम फडणवीस ने इस ठेके को स्थगित कर दिया है। तानाजी सावंत पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी कार्य अनुभव के कंपनी को इतना बड़ा ठेका दे दिया था।

शिंदे ने भी कर दिया बड़ा कांड

इससे पहले डिप्टी सीएम शिंदे ने एक बड़ा फैसला ले लिया था, जिसकी चर्चा महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक हुई। दरअसल शिंदे ने मुख्यमंत्री रिलीफ फंड के जैसा एक मेडिकल सेल बना दिया। शिंदे के इस कदम पर विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए। शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में समानांतर सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो फिर महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता काफी ज्यादा बढ़ जाएगी।

पूरे विवाद पर क्या बोले शिंदे?

इस विवाद पर उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ा बयान दिया। शिंदे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ किसी प्रकार का कोई मतभेद होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि महायुति गठबंधन (‌बीजेपी-एनसीपी-शिवसेना) में सब कुछ अच्छा चल रहा है। उनके और देवेंद्र फडणवीस के बीच किसी प्रकार की कोई भी कोल्ड वॉर नहीं चल रही है।

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