बुधवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। सीएम आतिशी ने प्रवेश वर्मा पर दिल्ली के वोटरों को कैश बांटने का आरोप लगाया है।
बीजेपी के बाद अब कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ मैदान में उतर गई है। बुधवार को कांग्रेस ने आप और बीजेपी के खिलाफ एक बुकलेट जारी की है, जिसका थीम है 'मौका मौका, हर बार धोखा'।
स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नोटिस कर जानकारी दी कि दिल्ली में संजीवनी या महिला सम्मान स्कीम लागू नहीं है। यह नोटिस बहुत अहम हो जाता है, क्योंकि आप के कार्यकर्ता इन दिनों घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन ड्राइव चला रहे हैं।
बता दें कि दिल्ली सरकार की इस योजना के मुताबिक दिल्ली की हर योग्य महिला को प्रति महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के तहत महिलाओं को पहले प्लास्टिक का एक कार्ड मिलेगा।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सीएम आतिशी ने चुनाव से पहले दिल्ली की जनता को बड़ा तोहफा दिया है। केजरीवाल ने ऐलान किया कि अब दिल्लीवासियों को 24 घंटे साफ पानी मिलेगा।
बता दें कि दिल्ली सरकार की इस योजना के मुताबिक दिल्ली की हर योग्य महिला को प्रति महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के तहत महिलाओं को पहले प्लास्टिक का एक कार्ड मिलेगा। इस कार्ड के एक्टिव होने के बाद महिलाओं योजना का लाभ प्राप्त कर पाएंगी।
दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए महिला सम्मान योजना गेम चेंजर साबित हो सकती है। मालूम हो कि मध्य प्रदेश में मध्य प्रदेश में बीजेपी, महाराष्ट्र में महायुति और झारखंड में हेमंत सोरेन की सत्ता में वापसी के पीछे इस योजना का बड़ा हाथ रहा है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह युवा इसलिए मारा गया क्योंकि वह दलित था और संविधान की रक्षा कर रहा था। इस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी जाति का नाम लेकर केवल नफरत फैला रहे हैं। साथ ही बसपा प्रमुख मायावती ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस दलितों और पिछड़ों को हमेशा उनके बुरे समय में ही याद करती है।
इस दौरान कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए विशेष अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि उनकी शैक्षणिक क्षमताओं में सुधार किया जा सके.
कुछ दिनों पहले उद्धव ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की इस मुलाकात ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद अब एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना ने बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना पर मेहरबान हो गई है।