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राजस्थान में ‘पति’ बना गले की फांस: सरकार ने बनाया कानून, विश्वविद्यालयों में अब कुलपति नहीं कुलगुरु!

राजस्थान के विश्वविद्यालयों में अब कुलपति नहीं कुलगुरु होंगे. पदनाम में पति लगे होने की वजह से दिक्कत हो रही थी लिहाजा विधानसभा में विधेयक पास करके पति शब्द हटा दिया गया है.

University chancellors now Kulguru in Rajasthan
inkhbar News
  • Last Updated: March 21, 2025 08:11:45 IST

जयपुर/नई दिल्ली. राजस्थान में अब विश्वविद्यालयों में कुलपति नहीं कुलगुरु नियुक्त होंगे और जो पहले से काम कर रहे हैं वो कुलगुरु कहलाएंगे. दरअसल पदनाम में पति लगे होने की वजह से काफी दिनों से विवाद चल रहा था. भाजपा नेताओं ने कुलपति के नाम में पति को गलत बताते हुए उसे हटाने की मांग की थी. इसके लिए ‘विश्वविद्यालयों की विधियां (संशोधन) विधेयक’ पारित कर दिया गया. इसके बाद प्रदेश के 32 सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में कुलपति का पदनाम कुलगुरु और प्रतिकुलपति का नाम प्रतिकुलगुरु कर दिया गया है.

अंग्रेजी में कोई दिक्कत नहीं है लिहाजा अंग्रेजी नाम पहले की तरह चलता रहेगा. इस दौरान विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि नाम बदलने से क्या होगा, विश्वविद्यालयों में वैदिक संस्कृति और सनातन धर्म के संस्कार की जरूरत है. वहीं निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी ने कहा कि अटैची कल्चर खत्म कीजिए जनाब, यह पहले की सरकार में भी होता था और अब भी हो रहा है.

राजस्थान में अब कुलपति नहीं कुलगुरु

राजस्थान के विश्वविद्यालयों में अब कुलपति की जगह कुलगुरु लेंगे. भाजपा विधायक काफी दिनों से यह मांग कर रहे थे कि नाम को बदल दिया जाए. विधेयक पास कराकर सरकान ने एक झटके में नाम बदल दिये हैं लेकिन विपक्ष ने सवाल उठाया कि इससे क्या होगा.विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि विश्वविद्यालयों में सनातनी संस्कार की जरूरत है. यहां 32 विश्वविद्यालय हैं और सिर्फ चार राजस्थान से हैं. बाकी बाहर खासतौर से यूपी से लाकर भरे गये हैं.

नेता प्रतिपक्ष जूली भजनलाल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि एक मेडिकल यूनिवर्सिटी में महाराष्ट्र से एक गैर-डॉक्टर को कुलपति नियुक्त कर दिया गया.सोचिए जरा जो डॉक्टरी नहीं पढ़ा वो वहां कैसे काम करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा और 4,000 से अधिक पद कब से खाली पड़े हैं लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

विपक्ष बोला अटैची कल्चर खत्म कीजिए

निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि प्रदेश में परंपरा और रीति नीति को बदलने की जरूरत है. जो जितनी भारी अटैची लेकर आता है उसे कुलपति बनाया जाता है. यह पहले की सरकार में भी होता था और अब भी हो रहा है. संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है विपक्ष को सियासत के लिए मुद्दों की तलाश है जबकि भाजपा सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास और बिगड़े हुए ढांचे को दुरुस्त करने में जुटी है. यदि कोई नाम उपयुक्त नहीं लग रहा है तो उसे बदलने में क्या दिक्कत है. जब गलती समझ में आ जाए उसे सुधार लेना चाहिए.

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