दिल्लीः SC के पटाखों पर बैन के फैसले से नाखुश चेतन भगत, ‘बकरीद-मुहर्रम पर बैन की हिम्मत क्यों नहीं?’
दिल्लीः SC के पटाखों पर बैन के फैसले से नाखुश चेतन भगत, ‘बकरीद-मुहर्रम पर बैन की हिम्मत क्यों नहीं?’
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों की बिक्री पर लगाई गई रोक से नाराज लेखक चेतन भगत ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. चेतन भगत सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बिल्कुल खुश नहीं हैं. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कोर्ट के फैसले से असहमति जताई. सुप्रीम कोर्ट ने 1 नवंबर तक के लिए दिल्ली-एनसीआर में पटाखों से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए इनकी बिक्री पर रोक लगाई है. इस फैसले का कुछ लोगों ने स्वागत किया तो कई इससे निराश भी हुए हैं.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों की बिक्री पर लगाई गई रोक से नाराज लेखक चेतन भगत ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. चेतन भगत सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बिल्कुल खुश नहीं हैं. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कोर्ट के फैसले से असहमति जताई. सुप्रीम कोर्ट ने 1 नवंबर तक के लिए दिल्ली-एनसीआर में पटाखों से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए इनकी बिक्री पर रोक लगाई है. इस फैसले का कुछ लोगों ने स्वागत किया तो कई इससे निराश भी हुए हैं.
चेतन भगत का मानना है कि पटाखों की बिक्री पर बैन लगाना गैर-जरूरी है. उन्होंने सवाल किया, किस आधार पर किसी की परंपराओं पर बैन लगाया जा रहा है? अपने ट्विटर अकाउंट से उन्होंने कई ट्वीट किए. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘बिना पटाखों के बच्चों के लिए दिवाली का क्या मतलब है?’ अपने ट्वीट में उन्होंने हिंदुओं के त्योहार पर इस तरह की रोक पर भी सवाल उठाए.
SC bans fireworks on Diwali? A full ban? What’s Diwali for children without crackers?
चेतन ने लिखा, ‘केवल हिंदुओं के त्योहार पर बैन लगाने की हिम्मत क्यों दिखाई जाती है? क्या जल्द ही बकरीद पर बकरियों की बलि और मुहर्रम के खूनखराबे पर भी रोक लगेगी? जो लोग दिवाली जैसे त्योहारों में सुधार लाना चाहते हैं, मैं उनमें यही शिद्दत खून-खराबे से भरे त्योहारों को सुधारने के लिए भी देखना चाहता हूं.’
Can I just ask on cracker ban. Why only guts to do this for Hindu festivals? Banning goat sacrifice and Muharram bloodshed soon too?
अपनी नाखुशी जाहिर करते हुए चेतन भगत ने प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए कई सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत सुधारना भी प्रदूषण पर लगाम लगाने का एक बढ़िया विकल्प हो सकता है. उन्होंने लिखा, ‘नए विचारों के साथ आइए, बैन के साथ नहीं.’ चेतन आगे लिखते हैं, ‘आज अपने ही देश में, उन्होंने बच्चों के हाथ से फुलझड़ी भी छीन ली. हैप्पी दिवाली मेरे दोस्त.’
Diwali is 1 day, 0.27% of year. pollution comes from 99.6% days of poor planning and regulation. Fix that. Not make 1 religion feel guilty.
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण सुधारने के लिए चेतन ने एक हफ्ते के लिए बिजली और कारों का इस्तेमाल नहीं करने का भी सुझाव दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पटाखों पर बैन लगाने के दौरान कहा कि पटाखों की बिक्री 1 नवंबर, 2017 से दोबारा शुरू हो सकेगी. इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट देखना चाहता है कि पटाखों के कारण प्रदूषण पर कितना असर पड़ता है.