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पद्मावत के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली पर भड़कीं स्वरा भास्कर, कहा-चलती-फिरती वजाइना नहीं हैं महिलाएं

अनारकली ऑफ आरा की हिरोइन स्वरा भास्कर ने फिल्म पद्मावत के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को ओपन लेटर लिख फिल्म का विरोध किया. स्वरा ने भंसाली पर फिल्म में सती प्रथा और जौहर जैसी कुरीतियों को बढ़ावा देने का आरोप लगया. स्वरा ने भंसाली को कहा ‘सर, महिलाओं को रेप का शिकार होने के अलावा जिंदा रहने का भी हक है. वजाइना महिलाओं के शरीर का अंग होता है वजाइना के अलावा भी महिलाओं जिंदगी में बहुत कुछ होता है.

Actor Swara Bhaskar wrote a open letter for padmavat director Sanjay Leela Bhansali, Women are not only walking talking vaginas
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  • Last Updated: January 28, 2018 13:26:37 IST

मुंबई. बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने संजय लीला भंसाली को खुला खत लिखकर फिल्म पद्मावत का विरोध जताया है.उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर पर सती प्रथा और जौहर जैसी कुरीतियों का गुण गान का आरोप लगया. फिल्म पिछले काफी समय से विवादों में रही है. फिल्म पद्मावत को बॉक्सऑफिस पर अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है. जबकि कई लोगों ने निर्देशन में कमी निकाली है. इसी बीच बॉलीवुड में अपनी दमदार एक्टिंग के लिए फेमस स्वरा भास्कर ने भंसाली के प्रति शिकायतों का पिटारा खोल दिया है. फिल्म अनारकली ऑफ आरा की हिरोइन स्वरा ने भंसाली के नाम खुला खत लिख कर उन पर फिल्म में सती प्रथा और जौहर के महत्व के गुणगान को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.

लेटर की शुरुआत में स्वरा ने भंसाली का सपोर्ट किया और फिल्म की तारीफ की, लेकिन महिलाओं के वजाइना को लेकर उन्हें आड़े हाथों लिया है. स्वरा ने कहा, ‘सर, महिलाओं को रेप का शिकार होने के अलावा जिंदा रहने का भी हक है. वजाइना महिलाओं के शरीर का अंग होता है. वजाइना के अलावा भी महिलाओं की जिंदगी में बहुत कुछ होता है. रानी पद्मावती द्वारा इज्जत की रक्षा के लिए खुद को जला देने वाले एक दृश्य का जिक्र करते हुए स्वरा कहती हैं कि रेप के बाद भी महिलाओं की जिंदगी होती है. वह कहती हैं कि महिलाओं को बलात्कार के बाद भी जिंदा रहने का हक है.

महिलाओं को पूरी जिंदगी अपनी वजाइना की रक्षा, इच्चत और वर्जिनिटी बचाने के लिए नहीं जीना चाहिए. स्वरा आगे और भी सख्त रुख अपनाते हुए लिखती हैं, महिलाएं चलती-फिरती वजाइना नहीं हैं. रेप के बाद मौत नहीं जिंदगी होती है. वजाइना के अलावा जिंदगी में बहुत कुछ है. स्वरा भास्कर ने सती प्रथा और जौहर को लेकर भी भंसाली का कड़ा विरोध किया है. स्वरा ने भारतीय इतिहास में सती प्रथा और जौहर को महिलाओं के लिए सबसे खराब समय बताया. फिल्म की शुरुआत में सती प्रथा और जौहर का विरोध जैसे डिस्क्लेमर लगा देना पर्याप्त नहीं होता है.

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