मुंबई : मशहूर फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा को मुंबई की एक अदालत ने लंबे समय से चल रहे चेक बाउंस मामले में तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले से कई सालों से चल रही कानूनी लड़ाई का अंत हो गया है। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया है। अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चेक बाउंस मामले में फैसला सुनाने के लिए मंगलवार (21 जनवरी) की तारीख तय की थी, इससे एक दिन पहले फिल्ममेकर अपनी आने वाली फिल्म सिंडिकेट की घोषणा करेंगे।
राम गोपल वर्मा ने इस सुनवाई में भाग नहीं लेने का फैसला किया था। अब एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सात साल से इस मामले की सुनवाई चल रही थी. आज अदालत ने अखिरकर फैसला सुना ही दिया। कोर्ट ने राम गोपल वर्मा को गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
क्या है पुरा मामला
यह मामला 2018 में महेशचंद्र मिश्रा के माध्यम से श्री नामक एक कंपनी द्वारा राम गोपाल वर्मा की फर्म के खिलाफ दायर की गई शिकायत से उपजा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राम गोपाल वर्मा द्वारा जारी किया गया चेक कम राशि के कारण बाउंस हो गया था। निर्देशक को जून 2022 में निजी मुचलका और 5,000 रुपये की सुरक्षा जमा राशि जमा करने के बाद जमानत दी गई थी। मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट किया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 428 के तहत कोई ‘सेट-ऑफ’ नहीं होगा, क्योंकि राम गोपाल वर्मा मुकदमे के दौरान हिरासत में नहीं थे। कई सुनवाई और कानूनी कार्यवाही के बाद, अदालत ने फिल्म निर्माता के खिलाफ फैसला सुनाया और कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
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