नई दिल्ली। गोविंदा बॉलिवुड के दिग्गज सितारों में से एक हैं। उन्होंने 90 के दशक में खूब नाम कमाया और उनकी हर फिल्म सुपरहिट होती थी। उन्होंने हर फिल्म में बड़ी अभिनेत्रियों के साथ काम किया और उनका डांस देखकर फैंस उनके दीवाने हो जाते थे। हालांकि, उनकी जिंदगी का एक और खास पहलू है, जो बहुत कम लोग जानते हैं। यह पहलू है उनकी मां का, जो मुस्लिम थी और धर्म बदलकर नजमा से निर्मला बनी थीं।

गोविंदा असल में मुस्लिम थे

गोविंदा अपनी मां को भगवान की तरह पूजते थे और वह अपनी मां के पैर धोकर उनका पानी पीते थे। हालांकि, आपको बता दें कि निर्मला देवी का जन्म 7 जून 1927 को वाराणसी में हुआ था और उनका नाम नजमा था। वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं और बचपन से ही उन्हें गाने का शौक था। इसी शौक ने उन्हें मुंबई पहुंचा दिया, जहां उनकी मुलाकात गोविंदा के पिता और फिल्म निर्माता-अभिनेता अरुण कुमार आहूजा से हुई। दोनों ने लव मैरिज की। शादी के बाद नजमा ने हिंदू धर्म अपना लिया और अपना नाम बदलकर निर्मला देवी रख लिया।

मां के कहने पर की दूसरी शादी

आपको जानकर हैरानी होगी कि गोविंदा की मां ने उनसे कहा था कि ‘उन्हें 49 साल की उम्र में अपनी पत्नी सुनीता से दोबारा शादी कर लेनी चाहिए।’ इसीलिए गोविंदा ने 49 साल की उम्र में सुनीता से दोबारा शादी की। आपको बता दें कि अपने कई इंटरव्यू में गोविंदा ने खुद कहा था कि ‘उन पर उनकी मां का बहुत प्रभाव था, वह उनके बहुत करीब थे, उनके जाने का गम वह आज भी नहीं भूल पाए हैं।

4 बच्चों के बाद लिया संन्यास

फिल्म निर्माता अरुण कुमार आहूजा से शादी के बाद निर्मला ने कामिनी, पद्मा, कृति कुमार, पुष्पा आनंद और गोविंदा को जन्म दिया। गोविंदा के जन्म के बाद निर्मला देवी पूरी तरह से आध्यात्म में डूब गईं और उन्होंने साध्वी बनकर संन्यास ले लिया।

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