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‘मैं मुस्लिम औरत का नाजायज बेटा हूं’, महेश भट्ट ने खोले अपनी जिंदगी के काले चिट्ठे!

डायरेक्टर-प्रोड्यूसर महेश भट्ट को आज पूरी दुनिया जानती है. बता दें कि वह अपने प्रोफेशनल करियर से ज्यादा अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहे हैं. वह अपनी पहली पत्नी किरण भट्ट को तलाक नहीं देना चाहते थे, इसलिए सोनी राजदान और महेश भट्ट ने इस्लाम धर्म अपना लिया और फिर शादी कर ली.

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  • Last Updated: January 22, 2025 11:55:27 IST

नई दिल्ली: डायरेक्टर-प्रोड्यूसर महेश भट्ट को आज पूरी दुनिया जानती है. बता दें कि वह अपने प्रोफेशनल करियर से ज्यादा अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहे हैं. वह अपनी पहली पत्नी किरण भट्ट को तलाक नहीं देना चाहते थे, इसलिए सोनी राजदान और महेश भट्ट ने इस्लाम धर्म अपना लिया और फिर शादी कर ली. सोनी राजदान की दो बेटियां शाहीन भट्ट और आलिया भट्ट हैं. महेश भट्ट का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि उनके पिता कौन हैं? क्योंकि वह एक मुस्लिम औरत के नाजायज़ बेटे हैं. आइये आगे जानते हैं क्या है उनके जीवन की सच्चाई?

मुस्लिम महिला का बेटा

एक इंटरव्यू के दौरान महेश भट्ट ने अपने रिश्ते को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा, “मुझे अपने पिता की कोई यादें नहीं हैं. इसलिए मुझे नहीं पता कि मेरे पिता की भूमिका क्या होनी चाहिए. मैं एक अकेली मुस्लिम महिला शिरीन मोहम्मद अली का नाजायज बेटा हूं.” इसके बाद उनसे पूछा गया कि एक मुस्लिम महिला का बेटा होने के बावजूद उनका नाम महेश भट्ट कैसे हो गया? फिर उन्होंने कहा, ”मुझे याद है, जब मैंने अपनी मां से मेरे नाम का मतलब पूछा था तो उन्होंने कहा था कि वह मेरे पिता से पूछकर मुझे बताएंगी, क्योंकि उन्होंने ही मुझे यह नाम दिया था. मैंने इंतजार किया और फिर एक दिन मां ने मुझे बताया कि महेश का मतलब ‘देवताओं का भगवान’ होता है.”

जानें हिंदू नाम क्यों पड़ा?

आपको बता दें कि महेश भट्ट आगे कहते हैं, ”बचपन में मुझे यह नाम पसंद नहीं था. मेरे अंदर बहुत अधिक गुस्सा था, क्योंकि देवों के देव (भगवान शंकर) ने अपने ही पुत्र गणेश का सिर काट दिया था. मैं चाहता था कि मेरा नाम रखा जाए.” गणेश बनें क्योंकि बचपन में मैं भगवान गणेश की तरह तकिए में सिर छिपाकर सोता था. वे मेरे पसंदीदा रहे हैं. गणेश की तरह मेरे पिता भी मेरे लिए अजनबी थे. वे मेरे लिए वहां भी नहीं थे. बस मुझे उनका सरनेम मिल गया, जिसकी वजह से आज मैं महेश भट्ट हूं.” महेश भट्ट ने ‘अर्थ’, ‘जख्म’ और ‘हमारी अधूरी कहानी’ जैसी फिल्मों में अपनी निजी जिंदगी को दिखाने की कोशिश की है.

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