मुंबई: कोरोना काल में आईं कई बेहतरीन वेब सीरीज में ‘पाताल लोक’ ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी थी। सामाजिक मुद्दों और अपराध की पेचीदगी को दिखाने वाली इस सीरीज ने क्राइम-थ्रिलर को एक नई परिभाषा दी थी। वहीं चार साल के लंबे इंतजार के बाद, इसका दूसरा सीजन रिलीज ही चुका है, जो दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है। साथ ही एक बार फिर इंस्पेक्टर हाथीराम चौधरी यानी जयदीप अहलावत अपने किरदार से सभी के दिलों में अपने छाप छोड़ दी है.
सीजन 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहला सीजन खत्म हुआ था। हाथीराम चौधरी दिल्ली के जामनगर थाने में अपनी नौकरी कर रहा है, जबकि उसका जूनियर इश्वाक सिंह यानि इमरान अंसारी अब एसीपी बन चुका है। कहानी का केंद्र बनती है नागालैंड में एक प्रतिष्ठित बिजनेसमैन और राजनेता की सिर कटी लाश। इस हाई-प्रोफाइल हत्या की जांच के लिए हाथीराम और अंसारी को नागालैंड भेजा जाता है।
जांच के दौरान उनकी मुलाकात नागालैंड पुलिस की सीनियर अधिकारी मेघना बरुआ (तिलोत्तमा शोम) से होती है। जैसे-जैसे वे इस केस की गहराई में उतरते हैं, उन्हें अपराध की दुनिया के नए और खतरनाक पहलू दिखने लगते हैं। हत्या का राज सुलझाने के साथ-साथ कहानी में कई ट्विस्ट और सब-प्लॉट्स जुड़ते हैं, जो इसे और खतरनाक बना देते हैं।
निर्देशक अविनाश अरुण ने नागालैंड की खूबसूरत लेकिन अनजानी पृष्ठभूमि में एक अंधेरी और सस्पेंस भरी कहानी को बखूबी पेश किया है। शो की सबसे बड़ी ताकत इसकी कहानी में सच्चाई और असलियत है। हालांकि इसके कॉम्प्लेक्स प्लाट और कई सब-प्लॉट्स कभी-कभी दर्शकों को उलझा सकते हैं। जयदीप अहलावत ने हाथीराम के किरदार को फिर से ज़िंदा किया है। उनकी बॉडी लैंग्वेज और डायलॉग डिलीवरी शो को एक अलग लेवल पर ले जाती है। इश्वाक सिंह और तिलोत्तमा शोम ने भी अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी है। ‘पाताल लोक 2’ एक इंटेंस और सस्पेंस से भरी सीरीज है, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है।
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