नई दिल्ली: जाकिर हुसैन की तबले की आवाज ने बनाई खास पहचान उस्ताद जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 73 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उन्होंने सोमवार सुबह अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में आखिरी सांस ली. उस्ताद जाकिर हुसैन को अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी तबीयत गंभीर थी और उन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ रहा था. इसके अलावा फेफड़ों में फाइब्रोसिस भी उनकी गंभीर स्थिति का एक बड़ा कारण था.
जाकिर हुसैन का सफर
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन महान तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा खान के बेटे थे और उन्होंने तबले की शिक्षा अपने पिता से ली थी. उनके संगीत सफर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महज 11 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला कॉन्सर्ट अमेरिका में दिया था. उनका और तबले का रिश्ता करीब 62 साल तक चला. इस लंबे सफर के दौरान उस्ताद हुसैन ने तीन ग्रैमी पुरस्कार जीते और उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया. उनके योगदान से तबले को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर विशेष पहचान मिली और उनकी कला ने संगीत जगत को एक नई दिशा दी।
तबला वादक की कुल संपत्ति
नेटवर्थ की बात करें तो प्रसिद्ध तबला वादक के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर दी गई जानकारी के मुताबिक उनकी संपत्ति 8-10 करोड़ रुपये के बीच है. इंडियाफोरम के मुताबिक उनकी नेटवर्थ करीब 5-6 करोड़ रुपये बताई जाती है. वह एक कॉन्सर्ट के लिए करीब 5 से 10 लाख रुपये चार्ज करते थे.
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