Inkhabar
  • होम
  • मनोरंजन
  • मेरा नाम जोकर का आइडिया राज कपूर को ऐसे मिला….!

मेरा नाम जोकर का आइडिया राज कपूर को ऐसे मिला….!

राज कपूर साहब अपनी हालत को एक जोकर जैसी समझते थे, ऐसे में उन्हें ऑफर हुई एक ऐसी फिल्म, जिसमें उनका जोकर का रोल था. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि उन्हें इस फिल्म का आइडिया कैसे मिला था.

Inkhabar
inkhbar News
  • Last Updated: December 14, 2017 14:33:09 IST

नई दिल्ली: राज कपूर की आज बर्थ एनीवर्सरी है. काफी कामयाब फिल्मों में एक्टिंग करने और डायरेक्ट करने के बाद उन्हें कहीं ना कहीं ये लगने लगा था कि उन्हें अपनी जिंदगी एक मूवी में पिरोनी चाहिए. उनको लगता था कि लोग उन्हें बॉलीवुड का शोमैन तो कहते हैंलेकिन उनके अंदर के दर्दउनकी चाहतेंउनकी ख्वाहिशें शायद कोई ढंग से नहीं समझता. उनको लगता था कि मैं तो लोगों का मनोरंजन करता रहता हूं लेकिन मेरे दिल में क्या चल रहा हैये कोई नहीं जानता. वो अपनी हालत एक जोकर जैसी समझते थेऐसे में उन्हें ऑफर हुई एक ऐसी फिल्मजिसमें उनका जोकर का रोल थाउस फिल्म ने उनका ये सपना पूरा कर दिया कि वो दिखा पाएंगे कि लोगों का मनोरंजन करते वक्त पर उन पर क्या बीत रही होती है. हालांकि वो फिल्म तो एक गाना और कुछ सींस शूट करके ही डब्बा बंद हो गईलेकिन राज कपूर को दे गई है बड़ा आइडिया, ‘मेरा नाम जोकर’ बनाने का.

जी हां ‘मेरा नाम जोकर’ से भी पहले राज कपूर एक फिल्म में जोकर का रोल कर चुके थे. बस वो फिल्म कभी पूरी नहीं बन पाई और ना ही रिलीज हो पाई. इस फिल्म का नाम था ‘बहुरूपिया’, इस फिल्म में उनके साथ बैजयंती माला भी थीं. शंकर जयकिशन के म्यूजिक में रचा और मन्ना डे की आवाज में एक गाना जोकर के गैटअप में राज कपूर पर फिल्माया भी गया थाजो आज यूट्यूब पर उपलब्ध भी है. इस गाने को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर ये फिल्म बनती तो राज कपूर को कोई जरूरत ही नहीं थी मेरा नाम जोकर बनाने की. इस गाने के बोल हैं हंस कर हंसा…..

1965 में ही इस फिल्म ‘बहरूपिया’ के बारे में तय हो गया था कि ये बन नहीं पाएगी. लेकिन तब तक राज कपूर को लग चुका था कि यही एक ऐसी फिल्म हैजो उनकी कहानी और उनके दर्द को देश के सामनेउनके फैंस के सामने ला सकती है. वैसे भी राज कपूर को ‘संगम’ के बाद एक सुपर डुपर हिट की तलाश थी. ऐसे में कि राज कपूर ने मेरा नाम जोकर का आइडिया उसी फिल्म से लियाबहरूपिया और जोकर वैसे भी एक ही तरह के टाइटल थे. हालांकि बहरूपिया में वैजयंती माला थींलेकिन मेरा नाम जोकर में उन्होंने वैजयन्ती माला की जगह सिम्मी ग्रेवालपदमिनी और एक रूसी हीरोइन को कास्ट किया.

मेरा नाम जोकर का स्क्रीनप्ले लिखने का जिम्मा सौंपा उन्होंने ख्वाजा अहमद अब्बास को, जो कि आज अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ के डायरेक्टर के तौर पर ज्यादा जाने जाते हैं. राज कपूर की ज्यादातर फिल्में उन्होंने ही लिखी थीं. मेरा नाम जोकर इतनी लम्बी हो गई थी कि उसमें दो इंटरवल रखने पड़े थेकुल 255 मिनट की फिल्म थी वो. हालांकि बाद में उसके एडिट वर्जन भी जारी किए गए. फिल्म को बनाते बनाते ही 6 साल लग गए. इसी फिल्म से रिषि कपूर को लांच किया गयाराज कपूर के बचपन के रोल मेंजो पहले शशि कपूर को मिलते थे.

मनोज कुमार, दारा सिंह और धर्मेन्द्र ने इस फिल्म में गेस्ट रोल्स किए. शुरू में मेरा नाम जोकर नहीं चलीराज कपूरकाफी निराश हुए लेकिन वो बॉलीवुड की कालजयी फिल्मों में गिनी जाती है. 1980 में वो फिल्म फिर रिलीज हुई और सुपर डुपर हिट साबित हुई. लोग राज कपूर को याद करते हैंतो इस फिल्म का गीत जीना यहां,..मरना यहां के बिना राज कपूर का सफर पूरा नहीं होता. हाल ही में जब मैडम तुसाद म्यूजियम के लिए दिल्ली के रीगल सिनेमा को बंद करने का फैसला लिया गया तो राज कपूर की जिन दो फिल्मों को आखिरी शोज के रूप में चलाने का फैसला किया गया वो थी ‘संगम’ औरमेरा नाम जोकरआप मेरा नाम जोकर की इंस्पिरेशन बहुरूपिया के इस गीत को इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं–

दुनिया के सबसे सेक्सी एशियाई आदमी हैं शाहिद कपूर, ऋतिक रोशन नंबर 2, फवाद खान 6 नंबर

https://youtu.be/zcHUGc8yHak

Tags