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Russia-Ukraine refugees : रूस और यूक्रेन के शरणार्थियों के लिए कपल ने बुक किया180 कमरों का पूरा होटल

Russia-Ukraine refugees  नई दिल्ली, Russia-Ukraine refugees  रूस और यूक्रेन के युद्ध में लाखों लोग अपना घर छोड़ किसी पड़ोसी देश में शरणार्थी बन चुके हैं. जहां रूस और यूक्रेन के इन शरणार्थियों के लिए पौलैंड के इस कपल ने कुछ ऐसा अनोखा काम किया जिसे सुन आप भी वाहवाही देंगे. कपल ने की नायाब पहल […]

Russia-Ukraine refugees :
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  • Last Updated: March 23, 2022 19:14:06 IST

Russia-Ukraine refugees 

नई दिल्ली, Russia-Ukraine refugees  रूस और यूक्रेन के युद्ध में लाखों लोग अपना घर छोड़ किसी पड़ोसी देश में शरणार्थी बन चुके हैं. जहां रूस और यूक्रेन के इन शरणार्थियों के लिए पौलैंड के इस कपल ने कुछ ऐसा अनोखा काम किया जिसे सुन आप भी वाहवाही देंगे.

कपल ने की नायाब पहल

रूस और यूक्रेन के शरणार्थियों के लिए पोलैंड के इस जोड़े ने एक कमाल की पहल की है. जहां इस कपल ने यूक्रेन और रूस से बेघर हुए रिफ्यूजीस के लिए पोलैंड में एक पूरा होटल किराये पर लिया है. पूरे होटल के अब 180 कमरों को इन शरणार्थियों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

बसों की ली मदद

जैकब गोलाटा और उनकी पत्‍नी गोसिया गोलाटा पोलैंड के रहने वाले हैं लेकिन साल 2004 में वह ब्रिटेन में जाकर बस गए थे. अब उन्होंने 180 कमरों का होटल किराये पर लेकर युद्ध से ग्रस्त लोगों की मदद करना प्रारम्भ कर दिया है. इतना ही नहीं इस जोड़े ने युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित होटल तक लाने के लिए इन्होंने 48 सीटर बस की भी मदद ली. ख़बरों की मानें तो अब तक 149 लोगों को सुरक्षित लाया जा चुका है.

दोस्तों और रिश्तेदारों ने की मदद

मामले पर एक बातचीत में जैकब बताते हैं, कि वह इस मामले में एक्शन लेना चाहते थे और लोगों की मदद करना चाहते थे. क्योंकि लोगों को सही समय पर मदद नहीं मिल प् रही थी. शुरुआत में उन्हें खुद पर भरोसा नहीं था कि वह इस मामले में भी कोई मदद कर सकते हैं. शुरुआत में उन्होंने 8 घंटे तक एक मिनी सीटर बस का सहारा लिया और शरणार्थियों को लाकर अपने रिश्तेदारों के घरों में भेजा. इस दौरान उनके दोस्तों और रिश्तेदारों ने भी उनकी मदद की.

कोरोना काल के बाद बंद था होटल

जैकब आगे कहते हैं कि वह काफी कुछ कहना चाहते थे उनके पास लोगों की मदद करने के लिए आइडियाज भी थे. उनको एक विचार आया की एक होटल बुक किया जाए. ताकि शरणार्थी मां और बच्‍चे वहां रह सके. उन्होंने इस दौरान सामुदायिक वॉलनटीयर की तलाश शुरू की. उन्होंने आगे बताया कि इस काम के लिए उन्होंने फंड भी जारी किया और आगे काम करने की योजना बनाने के लिए समय भी लिया. जिसके बाद उन्हें 180 बेड का एक होटल मिला जो कोरोना काल के बाद बंद पड़ा था.

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