मुंबई: बिहार के सुपौल जिले की फैमिली कोर्ट ने सोमवार, 16 दिसंबर को फेमस सिंगर उदित नारायण पर 10 रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया है। यह फैसला उनकी पहली पत्नी रंजना नारायण झा द्वारा दायर एक याचिका में सुनवाई के दौरान अदालत में पेश न होने के कारण दिया गया। वहीं प्रधान न्यायाधीश राहुल उपाध्याय ने नाराजगी जताते हुए उन्हें 28 जनवरी 2025 तक जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है।
रंजना नारायण झा ने 2020 में फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने गृहस्थ जीवन को दोबारा बसाने की मांग की। रंजना का आरोप है कि उदित नारायण उनके साथ रहने से बचते हैं और बार-बार वादे करके मुकर जाते हैं।
सोमवार को इस मामले की अंतिम सुनवाई मानी जा रही थी, लेकिन उदित नारायण न तो खुद पेश हुए और न ही कोई जवाब दाखिल किया। इस कारण अदालत ने सुनवाई आगे बढ़ा दी। वहीं रंजना के वकील अजय सिंह ने इसे निराशाजनक बताते हुए कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है और उन्हें न्याय की उम्मीद है।
रंजना नारायण झा ने कहा कि वह केवल अपना अधिकार मांग रही हैं। उन्होंने अदालत पर भरोसा जताते हुए कहा, “मेरी उम्र हो चुकी है और तबीयत भी ठीक नहीं रहती। मैं अब अपने पति के साथ रहना चाहती हूं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब वह मुंबई जाती हैं, तो उन्हें धमकाने और दबाव बनाने के लिए गुंडों का सहारा लिया जाता है। उन्होंने कहा कि उनके पास न्यायालय का सहारा लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी 2025 को होगी। अदालत ने उदित नारायण को जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। बता दें उदित नारायण का जन्म बिहार के सुपौल जिले के बायस गोठ गांव में हुआ था। वहीं उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सुपौल से पूरी की और आगे की पढ़ाई नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से की। उदित नारायण के परिवार का नेपाल से गहरा नाता है। अब देखना होगा कि वह अदालत में अपनी बात कब तक रखते हैं।
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