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महिला ने करोड़ों की संपत्ति अपने पालतू बिल्लियों और कुत्तों के नाम कर दी, जानें कौन हैं वो

नई दिल्ली : हाल ही में चीन से आई एक खबर ने सबको चौंका दिया। दरअसल, चीन की एक महिला ने अपनी 23 करोड़ रुपये की संपत्ति अपने पालतू बिल्लियों और कुत्तों के नाम कर दी थी। अब ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या भारत में भी ऐसा करना […]

महिला ने करोड़ों की संपत्ति अपने पालतू बिल्लियों और कुत्तों के नाम कर दी, जानें कौन हैं वो
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  • Last Updated: September 12, 2024 22:15:27 IST

नई दिल्ली : हाल ही में चीन से आई एक खबर ने सबको चौंका दिया। दरअसल, चीन की एक महिला ने अपनी 23 करोड़ रुपये की संपत्ति अपने पालतू बिल्लियों और कुत्तों के नाम कर दी थी। अब ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या भारत में भी ऐसा करना कानूनी तौर पर संभव है। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

क्या भारत में ऐसा किया जा सकता है

भारत में किसी व्यक्ति के लिए कानूनी तौर पर अपनी संपत्ति अपने पालतू जानवर के नाम करना संभव नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय कानून में जानवरों को कानूनी व्यक्तित्व नहीं माना जाता है। सरल शब्दों में कहें तो पालतू जानवरों को कानूनी इकाई नहीं माना जाता है जो अपने नाम पर संपत्ति हासिल कर सकें या उसकी देखभाल कर सकें। हालांकि, कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके जरिए आप कानूनी तौर पर अपनी संपत्ति का इस्तेमाल अपने पालतू जानवरों के कल्याण के लिए कर सकते हैं।

इन तरीकों से हो सकता है ऐसा

भारत में आप भले ही अपने पालतू जानवर की संपत्ति अपने नाम न कर पाएं, लेकिन आप अपनी संपत्ति का इस्तेमाल अप्रत्यक्ष तौर पर उनकी देखभाल और भलाई के लिए जरूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ कानूनी ढांचों का सहारा लेना होगा। खास तौर पर भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925। इसके तहत वसीयत का प्रावधान है। इसके अलावा आप इसके लिए भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

पहले वसीयत के एंगल को समझें

आप अपनी संपत्ति की वसीयत बना सकते हैं, जिसमें यह लिखा जा सकता है कि आपकी मृत्यु के बाद संपत्ति किसी ऐसे व्यक्ति को सौंप दी जाए, जैसे कि परिवार का कोई सदस्य, दोस्त या कोई अन्य भरोसेमंद व्यक्ति, जो आपके पालतू जानवर की देखभाल करेगा। वह व्यक्ति पालतू जानवर की देखभाल करने और वसीयत में दिए गए निर्देशों का पालन करने के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदार होगा। आपको बता दें, भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के तहत बनाई गई वसीयत वैध मानी जाती है और इसे अदालत में चुनौती भी दी जा सकती है।

ट्रस्ट एंगल से समझें

भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के अनुसार, आप अपनी संपत्ति का एक ट्रस्ट बना सकते हैं, जिसका उद्देश्य आपके पालतू जानवर की देखभाल सुनिश्चित करना होगा। ऐसा करके, भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के अनुसार, आप एक ट्रस्टी नियुक्त कर सकते हैं, जो आपके पालतू जानवर के लिए ट्रस्ट की संपत्ति का उचित प्रबंधन करने और पालतू जानवर के कल्याण के लिए इसका उपयोग करने के लिए जिम्मेदार होगा।

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