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अक्षय तृतीया पर ऋषि परशुराम की खास जानकारी

भगवान परशुराम को भगवन विष्णु का छठवां अवतार माना जाता हैं. भगवान परशुराम के बारे में यह प्रसिद्ध है कि उन्होंने तत्कालीन अत्याचारी और निरंकुश क्षत्रियों का 21 बार संहार किया. लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान परशुराम ने आखिर ऐसा क्यों किया? इसी का जवाब देती है एक रोचक पुराण कथा – महिष्मती नगर के राजा सहस्त्रार्जुन क्षत्रिय समाज के हैहय वंश के राजा कार्तवीर्य और रानी कौशिक के पुत्र थे .

पवन सिन्हा, गुडलक गुरु
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  • Last Updated: May 8, 2016 13:01:40 IST
नई दिल्ली. भगवान परशुराम को भगवन विष्णु का छठवां अवतार माना जाता हैं.  भगवान परशुराम के बारे में यह प्रसिद्ध है कि उन्होंने तत्कालीन अत्याचारी और निरंकुश क्षत्रियों का 21 बार संहार किया. लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान परशुराम ने आखिर ऐसा क्यों किया? इसी का जवाब देती है एक रोचक पुराण कथा – महिष्मती नगर के राजा सहस्त्रार्जुन क्षत्रिय समाज के हैहय वंश के राजा कार्तवीर्य और रानी कौशिक के पुत्र थे .
 
सहस्त्रार्जुन का वास्तवीक नाम अर्जुन था. उन्होने दत्तत्राई को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की. दत्तत्राई उसकी तपस्या से प्रसन्न हुए और उसे वरदान मांगने को कहा तो उसने दत्तत्राई से 10000 हाथों का आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके बाद उसका नाम अर्जुन से सहस्त्रार्जुन पड़ा. इसे सहस्त्राबाहू और राजा कार्तवीर्य पुत्र होने के कारण कार्तेयवीर भी कहा जाता है. विस्तारपूर्वक बताएंगे अध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा इंडिया न्यूज के शो गुडलक गुरु में
 
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