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गुरु पर्व: ब्रह्मा, विष्णु और शिव से मिलकर बने भगवान कौन है ?

भगवान शंकर का साक्षात रूप महाराज दत्तात्रेय में मिलता है और तीनो ईश्वरीय शक्तियों से समाहित महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही सफ़ल और जल्दी से फल देने वाली मानी जाती है. वे सर्वव्यापी है और किसी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी से भक्त की सुध लेने वाले भगवान माने जाते हैं.

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  • Last Updated: March 15, 2017 04:57:39 IST
नई दिल्ली: भगवान शंकर का साक्षात रूप महाराज दत्तात्रेय में मिलता है और तीनो ईश्वरीय शक्तियों से समाहित महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही सफल और जल्दी से फल देने वाली मानी जाती है. वे सर्वव्यापी है और किसी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी से भक्त की सुध लेने वाले भगवान माने जाते हैं. 
 
 
भगवान दत्तात्रेय का जन्म ब्रह्मा जी के ललाट से हुआ था. ये ऋगवेद के पंचम मण्डल के द्रष्टा भी थे. मान्यता है कि इनका स्मरण करने से यह भक्तों की मदद करते हैं. दत्तात्रेय ईश्वर और रूप दोनों रूप में समाहित हैं. इन्हें गुरू वंश का प्रथम गुरू साधक, योगी और वैज्ञानिक माना जाता है. 
 
 
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