हिंदू धर्म में गाय का महत्व देवों के समान बताया गया है. वेद हो या पुराण, सभी में गौ को पूजनीय बताने के साथ ही संसार की संरक्षिका भी कहा गया है. गाय केवल पूजनीय ही नहीं है, बल्कि घर को दोषमुक्त करने में भी इसका महत्व है.
आज से नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. देशभर में नवरात्रि की धूम है. नौ दिनों तक पूरा देश माता की भक्ति में लीन रहेगा. नवरात्रों में मां देवी के नौ रुपों की पूजा की जाती है और उन्हें अपनी अराधना से खुश किया जाता है.
नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है. उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं. जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं.
कूष्मांडा का मतलब है कि अपनी फूलों सी मुस्कान से सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड को अपने गर्भ में उत्पन्न किया है वही है मां कूष्माण्डा है. मां कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं. इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है. मां कूष्माण्डा अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली हैं.
आज नवरात्र का दूसरा दिन है. आज दुर्गा मां के ब्रहमचारिणी रूप की पूजा की जाएगी. मां दुर्गा की नवशक्ति का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है. यहां ब्रह्म का अर्थ तपस्या से है.
आज से नवरात्र का पावन पर्व शुरू हो रहा है. नवरात्र के दिन बहुत पवित्र होते हैं. ये ऐसे दिन होते हैं कि अगर माता ने आपकी पूजा साधना स्वीकार कर ली तो आपके सारे दुख कष्ट सब दूर हो जाएंगे.
नए साल की शुरुआत कैसे की जाए इसके लिए नए-संवत्सर का अनुसरण किया जाता है. जैसे 2016 के नए-संवत्सर केमुताबिक 3 महीने आप इसी मूड में रहेंगे. 2, 11, 20 और 29 तारीख को जन्मे जातक होंगे
मनोकामना पूरी हो इसके लिए मन से ईश्वर की वंदना जरुरी है लेकिन फिर भी कई बार पूजा अर्चना का असर नहीं दिखता है. इसके पीछे पूजा के दौरान पवित्रता का ध्यान रखना खास जरुरी है. पूजा के दौरान कई तरह के बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
वायरल संक्रमण के कारण छोटे बच्चों में चिकनपॉक्स की बीमारी तेजी से फैल रही है. इस बीमारी का इलाज कई तरह से किया जाता है. पहले इस बीमारी को महामारी की तरह देखा जाता था लेकिन अब इसके कई उपाय है.
आजकल की जीवनशैली ऐसी हो चुकी है कि लोगों को पता भी नहीं चलता और वह गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं. आज बुजुर्गों के साथ साथ युवाओं में भी सांस की समस्या देखी जा रही है.