Galwan Valley conflict
नई दिल्ली. (Galwan Valley conflict) चीन और भारतीय सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प को लेकर अब एक नई रिपोर्ट सामने आ रही है. जिसमें चीन की पोल साफ़ तौर पर खुलती हुई नज़र आ रही है. ऑस्ट्रेलियाई अखबार द क्लैक्सन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं ने पाया कि चीनी सेना के मरने वाले सैनिकों की संख्या उन चार सैनिकों से कहीं ज्यादा थी, जहाँ, बीजिंग द्वारा दी गई जानकारी पूरी तरह फेक साबित हुई.
झड़प के दौरान बर्फीली नदी में बाह गए थे चीन के 38 सैनिक
लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून 2020 में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक भिड़ंत हुई थी. (Galwan valley clash) इस हिंसक भिड़ंत के करीब डेढ़ साल बाद अब एक खोजी रिपोर्ट सामने आई है जिसमें चौंकाने वाले दावे किए गए हैं जिसने चीन के खोखले दावों की पोल खोल दी है. रिपोर्ट के अनुसार चीन को गलवान घाटी में हुई झड़प में बड़ा नुकसान हुआ था. यहाँ बर्फीली नदी में चीन के 38 सैनिक बह गए थे, लेकिन अब तक चीन इस झड़प में केवल 4 चीनी सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि करता आया था.
गलवान घाटी में हुई झड़प के तथ्यों के साथ हुई थी छेड़छाड़: रिपोर्ट
ऑस्ट्रेलियाई अखबार द क्लैक्सन में प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तथ्यों को प्रभावित करने के लिए गलवान में हुई दो अलग-अलग झड़पों के तथ्यों और तस्वीरों को आपस में मिला दिया गया था. वहीँ, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीन ने गलवान घाटी की झड़प में मारे गए सैनिकों का खुलासा तो नहीं किया था, लेकिन इस झड़प में मारे गए अपने सैनिकों के लिए मरणोपरांत पदक की घोषणा जरूर की थी. बता दें कि इस जांच के लिए द क्लैक्सन ने स्वतंत्र रूप से सोशल मीडिया शोधकर्ताओं की एक टीम गठित की थी. जिसके बाद ही चीन की पोल खोली जा सकी.
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