नई दिल्ली: दुनियाभर में ज्यादातर लोग स्मार्टवॉच पहनने के शौकीन हैं. लेकिन कई बार यह शौक इंसान के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता है. अगर आप भी स्मार्टवॉच या फिटनेस बैंड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. एक नई रिसर्च में पाया गया है कि एप्पल और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों की स्मार्ट घड़ियां कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ नोट्रे डेम के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक शोध में पता चला है कि ब्रांडेड घड़ियों में हानिकारक केमिकल होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं.
एक अध्ययन में पता लगाया गया कि कौन से ब्रांड PFAS के लिए सकारात्मक परीक्षण करते हैं. इस अध्ययन में नाइकी, एप्पल, फिटबिट और गूगल घड़ियों का परीक्षण किया गया. सबसे अधिक मात्रा PFHxA नामक सिंथेटिक रसायन में पाई गई. यह PFAS समूह का हिस्सा है, जो 40% बैंड में पाया जाता है. फिटनेस वॉच बैंड में फ्लोरो-लास्टोमर्स पाए जाने की खबर है, जो एक प्रकार का सिंथेटिक रबर है जो त्वचा के तेल और पसीने के साथ मिलकर कैंसर का कारण बनता है. इस रसायन का इस्तेमाल आमतौर पर कपड़ों, कालीनों, कागज़ और कीटनाशकों पर किया जाता है और इससे लीवर की बीमारी का खतरा होता है.
रिसर्चर प्रेस्ली ने कहा कि उनके नतीजों में जो सामने आया है, वह चिंताजनक है. यूरोपीय संघ ने भी घड़ी के बैंड में PFHxA पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है. फॉरएवर केमिकल्स का मतलब है पर और पॉलीफ्लोर एल्काइल (PFAS) और इन्हें फॉरएवर केमिकल्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये बहुत स्थायी होते हैं और प्रकृति में आसानी से नहीं टूटते और कैंसर का खतरा पैदा करते हैं. इसके अलावा ये इम्यून सिस्टम को भी कमजोर करते हैं. इस बारे में शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर यह पीएफएचएक्सए हर दिन 12 घंटे से अधिक समय तक मानव त्वचा के संपर्क में रहता है, तो यह खतरनाक हो सकता है.
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