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BLOOD SUGAR PROBLEMS: ब्लड शुगर बढ़ने से हड्डियां भी होने लगती कमजोर, जानें क्या होती हैं परेशानियां

नई दिल्ली: हाई ब्लड(BLOOD SUGAR PROBLEMS) शुगर यानी जब खून में ब्लड शुगर की मात्रा 180 से 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर हो जाए तो इसे हाइपरग्लेसीमिया कहते हैं। यह बहुत खतरनाक स्थिति होती है। इस स्थिति में किडनी में एसिड बनने लगता है जो कीटोएसिडोसिस बीमारी में बदल जाती है। क्योंकि डायबिटीज के शुरुआती लक्षण […]

BLOOD SUGAR PROBLEMS
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  • Last Updated: December 25, 2023 19:21:40 IST

नई दिल्ली: हाई ब्लड(BLOOD SUGAR PROBLEMS) शुगर यानी जब खून में ब्लड शुगर की मात्रा 180 से 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर हो जाए तो इसे हाइपरग्लेसीमिया कहते हैं। यह बहुत खतरनाक स्थिति होती है। इस स्थिति में किडनी में एसिड बनने लगता है जो कीटोएसिडोसिस बीमारी में बदल जाती है। क्योंकि डायबिटीज के शुरुआती लक्षण बहुत मामूली होते हैं। इसलिए लोग इसे नजर अंदाज कर देते हैं। लेकिन हाई ब्लड शुगर का इलाज वक्त पर नहीं हुआ तो इससे हड्डियां, दांतें और यहां तक कि ज्वाइंट कमजोर होने लगते हैं।

ये होती हैं परेशानियां

जानकारी के मुताबिक जब खून में शुगर(BLOOD SUGAR PROBLEMS) लेवल 200 के पार हो जाता है तो उसे हाइपरग्लेसेमिया कहा जाता है। तो ऐसी स्थिति में बार-बार प्यास और टॉयलेट लगती है। इसके अलावा आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है। साथ ही बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी शरीर में हो जाती है।

डायबेटिक कोमा का भी है खतरा

अगर इन परेशानियों को बिना इलाज किए बहुत दिनों तक छोड़ दिया जाए तो इससे शरीर की नसें प्रभावित होने लगती है और नर्व डैमेज होने लगता है और इसके साथ ही बोन और ज्वाइंट में कई तरह की दिक्कतें होने लगती है। इसके अलावा दांतों और मसूड़ों में इंफेक्शन होने लगता है। जानकारी दे दें कि इसके साथ ही गंभीर स्थिति में हार्ट पर असर पड़ता है और किडनी फेल्योर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में कभी-कभी मरीज डायबेटिक कोमा में भी पहुंच जाता है।

खतरे से बचने के लिए ये उपाय करें

1. सही समय पर जांच कराएं यदि आपके परिवार में किसी को पहले से डायबिटीज है तो आप 20-25 साल के बाद से ही जांच करानी शुरू कर दीजिए और डॉक्टर से नियमित रूप से सलाह लें।

2. मीठे से परहेज करें। इसके साथ नमक भी बहुत कम करें। उसके अलावा बाहर की चीजें जैसे फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, पैकेटबंद चीजों का सेवन ना करें।

3. हेल्दी डाइट फॉलो करें। नियमित रूप से हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल, फाइबर, मोटा अनाज, साबुत अनाज वाली चीजें आदि का सेवन करें। बाजरा, जौ, ज्वार, रागी आदि का सेवन बढ़ा दें।

4. एक्सरसाइज करें।

5. अच्छी नींद लें। इसके साथ ही तनाव शरीर में कई तरह के हानिकारक केमिकल को बढ़ा देता है।

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