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कहीं आपको भी एंग्जायटी (Anxiety) तो नहीं? जानिए इसके कारण और लक्षण

नई दिल्ली : एंग्जायटी का नाम तो आपने भी सुना होगा. पर क्या आप जानते हैं कि आखिर एंग्जायटी होती क्या है? ये वो कंडीशन है जो शरीर के लिये तो घातक है ही साथ ही आपके मानसिक स्वास्थ्य को धीरे-धीरे खा जाती है. परेशान करने वाली बात ये है कि एंग्जायटी होती सबको है […]

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  • Last Updated: July 11, 2022 17:00:23 IST

नई दिल्ली : एंग्जायटी का नाम तो आपने भी सुना होगा. पर क्या आप जानते हैं कि आखिर एंग्जायटी होती क्या है? ये वो कंडीशन है जो शरीर के लिये तो घातक है ही साथ ही आपके मानसिक स्वास्थ्य को धीरे-धीरे खा जाती है. परेशान करने वाली बात ये है कि एंग्जायटी होती सबको है और इसे बीमारी की तरह पहचान पाना काफी मुश्किल है. कई बार हम सामाजिक तौर पर असुरक्षित महसूस करते हैं. निजी जीवन के उतार चढ़ाव का एंग्जायटी की समस्या में काफी बड़ा योगदान होता है. नकारात्मक विचार या परेशानी बहुत लंबे वक्त तक बनी रहे और उससे आपकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होने लगे तो आपको एंग्जायटी होने लगती है.

क्यों होती है एंग्जायटी?

सामान्य शब्दों में समझने का प्रयास करें तो एंग्जायटी (Anxiety) अवसाद, निराशा व दुःख से जन्म लेने वाली अवस्था है. इसका मुख्य कारण चिंता या दुःख ही होता है. जब मानव अपनी भावनाओं को अनदेखा करता है तब भी ये जन्म लेती है. नजरअंदाज किए जाने पर अवसाद एंग्जायटी बन जाता है. इस स्थिति में व्यक्ति हर एक डर से घिरा रहता है कि कुछ गलत हो रहा है. घबराहट के दौरे (पैनिक अटैक) आना भी इस स्थिति में आम हो जाता है. इस स्थिति में व्यक्ति हर समय चिंता, डर व घबराहट से घिर जाता है. इसकी मेडिकल कंडीशन को अगर देखने का प्रयास किया जाए तो इसमें उलटी व जी मिचलाने की समस्या भी महसूस होती है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है और सांस फूलने लगती है.

ये हैं एंग्जायटी के सामान्य लक्षण

-बेवजह की चिंता

-हृदयगति में बढ़ोत्तरी

– छाती में खिंचाव महसूस होना

– सांस फूलना

-लोगों के सामने जाने से डरना

– लोगों से बातचीत करने से डरना

– लिफ्ट वग़ैरह में जाने का डर कि वापस नहीं निकल पाएंगे

– जुनून की हद तक सफाई करना

– बार-बार चीजों को सही करते रहना

-जीवन से निराश हो जाना

-ये सोचने कि आप मरने वाले हैं या कोई आपको मार देगा

-पुरानी बातों को याद करके बेचैन होना

-मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाना

-फालतू विचारों में बढ़ोतरी होना

-बिना कारण के बेचैनी महसूस करना

-गैरजरूरी चीज के प्रति बहुत लगाव होना

– जल्दी निराश हो जाना

-किसी चीज के लिए अनावश्यक आग्रह करना आदि

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