नई दिल्ली। बच्चों को हीट रैश होना काफी आम समस्या है. तकरीबन 40 प्रतिशत बच्चे हीट रैश से प्रभावित होते हैं. स्वेट ग्लैंड्स पूरी तरह से विकसित न होने की वजह से बच्चों में हीट रैश हो सकता है. कुछ मामलों में स्वेट ग्लैंड्स या फिर ज्यादा ओवर हीटिंग के कारण हो सकता है. इस समस्या को कम करने के लिए अक्सर डॉक्टर घरेलू उपचार अपनाने की सलाह देते हैं. हीट रैशेज के कारण बच्चों के त्वचा पर लाल दाने, खुजली, गले पर दानें, रैशेज के साथ खुजली जैसी दिक्कते हो सकती है. यह बच्चों के गर्दन के साथ- साथ डायपर वाली जगह पर भी होती है. जानें हीट रैश होने पर पेरेंट्स को क्या करना चाहिए?

हीट रैश का ट्रीटमेंट

हेल्थ एक्स्पर्ट्स के मुताबिक, यदि बच्चों की त्वचा पर कम रैशेज या फिर हल्के लक्षण हैं तो ठीक होने में केवल एक दिन लगता है. आपको किसी दवा या क्रीम की जरुरत नही होती है. यदि बच्चे के पैदा होने के तीन हफ्ते के अंदर हीट रैशेज की समस्या होती है तो डॉक्टर उनकी त्वचा पर टापिकल स्टीरॉयड का प्रयोग करने की सलाह देते हैं. इसके अलावा सूती कपड़ों को ठंडे पानी में भिगोकर रैशेज के जगह को साफ करने के लिए कहा जा सकता है.

कैसे करें हीट रैशेज से बचाव?

• बच्चों को हीट रैशेज से बचाव रखने के लिए सूती और हल्के कपड़े पहनाएं.
• स्किन फ़ॉल्ड वाली जगह जैसे गर्दन, कोहनी, घुटना वाली जगहों पर पसीना पोछते रहें.
• बच्चों को ठंडे जगह पर रखें जिससे उन्हें गर्मी न लगें.
• बच्चों को ज्यादा लाइट्स वाली जगह पर ना रहने दें.
• 1 से 2 वर्ष की आयु के बच्चों को आप इस तरह परेशानी होने पर प्रभावित जगह पर एलोवेरा जेल लगा सकते हैं जिससे बच्चों को ठंडक पहुंचेगी.

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