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Heart Health: इन कारणों से बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले, कहीं आप तो खतरे में नहीं?

नई दिल्ली। हार्ट अटैक सबसे ज़्यादा ख़तरनाक बीमारियों में से एक बीमारी है. हार्ट अटैक का नाम सुनते ही दिल की धड़कन खुद ही तेज होने लग जाती है. हार्ट अटैक से जान भी जा सकती है. आज के समय में हार्ट अटैक और कार्डियक अटैक के केस बहुत बढ़ रहे है. ज़्यादातर युवाओं में […]

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  • Last Updated: July 19, 2022 14:01:34 IST

नई दिल्ली। हार्ट अटैक सबसे ज़्यादा ख़तरनाक बीमारियों में से एक बीमारी है. हार्ट अटैक का नाम सुनते ही दिल की धड़कन खुद ही तेज होने लग जाती है. हार्ट अटैक से जान भी जा सकती है. आज के समय में हार्ट अटैक और कार्डियक अटैक के केस बहुत बढ़ रहे है. ज़्यादातर युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या सामने आ रही है. सबके दिमाग़ में यह ज़रूर चलता होगा कि आखिर क्यों युवाओं को और कम उम्र में लोगों को ही हार्ट अटैक ज़्यादा आ रहा है. क्यों 40 साल की उम्र में ही हार्ट अटैक का खतरा इतना बढ़ जाता है.जाने हार्ट अटैक के कारण-

1- लाइफस्टाइल- आज के समय में जिस तरह की हम लाइफस्टाइल जी रहे है. ख़ासतौर पर महानगरों में वो हमें तनाव, मिलावट, खाने पीने की लापरवाही, अनिद्रा और न जाने कितनी खतरनाक चीजें दे रही है. इससे बॉडी अंदर से कमजोर बन रही है. इम्यूनिटी कमजोर हो रही है.

2- हाई ब्लड प्रेशर- आजकल लोगों को हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बहुत जल्दी होने लगती है. ब्लड प्रेशर बढ़ने से दिल पर प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. हाई ब्लड प्रेशर ही अटैक की सबसे बड़ी वजह है.

3- मोटापा- अगर शरीर में कोई बीमारी ना हो तो मोटापा खुद ही बीमारी बन जाता है. मोटापा एक ऐसी बीमारी बन गया है जो दूसरी हजारों बीमारियों को बुलावा देता है. मोटापा दिल के लिए बहुत हानिकारक है.

4- जेनेटिक- कुछ लोगों को यह दिल की बीमारी की खतरा जेनेटिक भी होता है. परिवार में दिल की बिमारी का कोई सदस्य रह चुका होता है तो ऐसे लोगों को हार्ट की बीमारी या हार्ट अटैक का खतरा बहुत रहता है.

5- तनाव- आज के युग में लोगों के लाइफस्टाइल में तनाव बहुत ज़्यादा हो गया है. तनाव को पहले लोग जानते तक नही थे और अब जरा- जरा सी बात पर ही लोग तनाव में हो जाते है. ज़्यादा तनाव हार्ट अटैक का बहुत बड़ा कारण है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की इन खबर पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.