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International Yoga Day 2025: हो गए हैं 30 के पार तो सूरज निकलने से पहले कर लें 15 मिनट के ये 5 योगासन, 100 साल की मिलेगी जिंदगी! बिमारियों का भी हो जाएगा पत्ता साफ

International Yoga Day 2025: हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, लेकिन यह दिन सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि सेहतमंद जीवनशैली अपनाने का मौका है। खासतौर पर जब उम्र 40 पार कर जाती है, तब शरीर और मन में ऐसे बदलाव शुरू हो जाते हैं, जिनसे निपटना जरूरी होता है। इस […]

International Yoga Day 2025
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  • Last Updated: June 18, 2025 12:19:13 IST

International Yoga Day 2025: हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, लेकिन यह दिन सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि सेहतमंद जीवनशैली अपनाने का मौका है। खासतौर पर जब उम्र 40 पार कर जाती है, तब शरीर और मन में ऐसे बदलाव शुरू हो जाते हैं, जिनसे निपटना जरूरी होता है। इस उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ने लगता है, हार्मोनल बदलाव होते हैं, तनाव बढ़ता है और वजन भी आसानी से बढ़ने लगता है। ऐसे में योग एक ऐसा उपाय है जो रोजाना सिर्फ 20 से 30 मिनट में इन समस्याओं को संतुलित कर सकता है।

जीवन के लिए बेहद फायदेमंद है योग

विशेषज्ञों के अनुसार, योग न केवल शारीरिक मजबूती लाता है, बल्कि मानसिक स्थिरता भी देता है। खास बात यह है कि महिलाएं हों या पुरुष, दोनों के लिए कुछ योगासन बेहद फायदेमंद हैं। 30 के बाद महिलाएं अक्सर हार्मोन असंतुलन, पीरियड्स की अनियमितता, पीसीओडी या मेनोपॉज से जुड़ी समस्याओं से जूझती हैं। वहीं पुरुषों में तनाव, पेट की चर्बी और मांसपेशियों की जकड़न आम समस्याएं बन जाती हैं। ऐसे में योग इन परेशानियों का प्राकृतिक समाधान बनकर सामने आता है।

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इन योगासनों को जरूर आजमाएं

ताड़ासन

ताड़ासन को Mountain Pose भी कहते हैं। यह रीढ़ को सीधा रखने और शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। प्रतिदिन 30 सेकंड से 1 मिनट तक अभ्यास करने से पोस्चर में सुधार आता है और मानसिक स्थिरता मिलती है।

भुजंगासन

भुजंगासन को सर्पासन भी कहा जाता है। यह पीठ के निचले हिस्से को मजबूत करता है और रीढ़ को लचीला बनाता है। महिलाओं के लिए यह हार्मोन संतुलन में सहायक है। पेट के बल लेटकर हाथों से शरीर को ऊपर उठाकर यह आसन किया जाता है।

वज्रासन

वज्रासन से पाचन सुधरता है, तनाव घटता है और घुटनों में मजबूती आती है। खास बात यह है कि इसे खाने के बाद भी किया जा सकता है। रोजाना 5 से 10 मिनट वज्रासन की मुद्रा में बैठना फायदेमंद होता है।

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन शरीर को पुल की आकृति में ले जाकर किया जाने वाला यह आसन थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय करता है, पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और हार्मोन संतुलन में मदद करता है। महिलाओं के लिए पीसीओडी जैसी समस्याओं में यह असरदार माना गया है।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन

ये आसान रीढ़ की नसों को शक्ति देने, पाचन सुधारने और कमर दर्द में राहत देने वाला आसन है। पुरुषों के लिए यह प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इसमें बैठकर शरीर को ट्विस्ट करते हुए सांस पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

40 की उम्र तक करने शुरू करे दें ये आसन

40 की उम्र के बाद जीवन की गति तेज हो जाती है, लेकिन शरीर अक्सर पीछे छूटने लगता है। ऐसे में योग एक ऐसा साधन है जो न केवल शरीर को फिर से ऊर्जा देता है, बल्कि मन को भी स्थिर करता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यह संकल्प लें कि खुद को स्वस्थ और तनावमुक्त रखने के लिए रोजाना कुछ मिनट योग को जरूर दें।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।