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मिड-डे मील योजना: कैसे बचा रही है लाखों बच्चों को कुपोषण से

भारत में कुपोषण एक बड़ी समस्या है, खासकर बच्चों में। इसे कम करने के लिए मिड-डे मील (MDM) योजना चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य

Mid day meal scheme saving millions of children from malnutrition
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  • Last Updated: July 28, 2024 16:38:19 IST

Health News: भारत में कुपोषण एक बड़ी समस्या है, खासकर बच्चों में। इसे कम करने के लिए मिड-डे मील (MDM) योजना चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों को पौष्टिक खाना देना है। इस योजना से बच्चों की सेहत में सुधार हो रहा है और उनकी पढ़ाई में भी मदद मिल रही है।

MDM योजना से कितने बच्चे हो रहे हैं लाभान्वित?

हर रोज MDM योजना के तहत लगभग 12 करोड़ बच्चों को स्कूल में दोपहर का खाना दिया जाता है। इससे कुपोषण की समस्या में काफी कमी आई है। जो बच्चे पहले कमजोर और बीमार रहते थे, अब वे ज्यादा स्वस्थ और सक्रिय हो गए हैं।

MDM से कैसे बच्चों की सेहत में सुधार?

1. संतुलित आहार: MDM के तहत दिए जाने वाले भोजन में जरूरी विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन होते हैं, जिससे बच्चों की पोषण की जरूरतें पूरी होती हैं और उनका शारीरिक विकास सही तरीके से होता है।

2. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना: पौष्टिक खाना खाने से बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ती है, जिससे वे बीमारियों से लड़ने में सक्षम होते हैं।

3. मानसिक विकास: अच्छी सेहत से बच्चों का मानसिक विकास भी अच्छा होता है, जिससे उनकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार होता है, जो पढ़ाई में मददगार होता है।

4. शारीरिक विकास: रोजाना पौष्टिक आहार से बच्चों का वजन और ऊंचाई सही तरीके से बढ़ती है, जिससे वे ज्यादा सक्रिय और ताकतवर महसूस करते हैं।

5. स्कूल में उपस्थिति: MDM के कारण बच्चों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ी है। अब वे ज्यादा उत्साह से स्कूल आते हैं और पढ़ाई में दिलचस्पी लेते हैं।

MDM योजना से बच्चों को न केवल पौष्टिक आहार मिल रहा है, बल्कि उनकी सेहत और पढ़ाई में भी सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं।

 

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