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Muscle Pain: क्या बॉडी और मसल्स में दर्द है? अपनाए ये आसान घरेलू उपाए..

  नई दिल्ली।  आपके शरीर में थकान, जकड़न और बेचैन करने वाला दर्द ही होता है मांसपेशियों का दर्द . ये दर्द इतना बेचैन करने वाला होता है कि आप कही फ़ोकस ही नही कर पाते है. शरीर में कोई मूव्मेंट करना भी बहुत मुश्किल हो जाता है. आज हम आपको मसल्ज़ पेन के कारण […]

Muscle Pain
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  • Last Updated: June 28, 2022 14:48:31 IST

 

नई दिल्ली।  आपके शरीर में थकान, जकड़न और बेचैन करने वाला दर्द ही होता है मांसपेशियों का दर्द . ये दर्द इतना बेचैन करने वाला होता है कि आप कही फ़ोकस ही नही कर पाते है. शरीर में कोई मूव्मेंट करना भी बहुत मुश्किल हो जाता है. आज हम आपको मसल्ज़ पेन के कारण और लक्षण और इसके उपचार सहित बचाव के उपाय भी बताएंगे.

• कम सोना

हेल्थ एक्स्पर्ट के अनुसार अगर आप नींद पूरी नही करते है तो आपको शरीर में तनाव और खिंचाव की दिक़्क़त हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि नींद के समय हमारी मांसपेशिया, टिश्यूज़ और कोशिकाएं रिपेयर होती है. जब यह प्रक्रिया फिर बाधित होती है तो मसल्ज़ में दर्द और सूजन की दिक़्क़त होती है.

• ज़्यादा शारीरिक श्रम करना

जो लोग शारीरिक श्रम ज़्यादा करते है और उन्हें सही डाइट और आराम ना मिले तो शरीर खुद को रिपेयर नही कर पता है ऐसे में मसल्ज़ में दर्द होने लगता है. कभी कभी ज़्यादा एक्सर्सायज़ भी मसल्ज़ पेन का कारण बन जाती है.
इसके अलावा तीन और स्थितियां है. जो मसल्ज़ पेन की ज़िम्मेदार होती हैं.वो है इन्फ़ेक्शन, कोई गम्भीर बीमारी और आनुवंशिक स्थिति. कई बार ऐनिमिया, औरथरिटिस, क्रोनिक फटीग, निमोनिया जैसी सेहत समबंधी बीमारियां भी वजह बन जाती है.

मसल्ज़ पेन के लक्षण-

इस पेन के दौरान कुछ लोगों को स्टिफ़्नेस और कमजोरी के साथ बुख़ार, रैशेज, चक्कर आना, सांस में प्रॉब्लम, लालिमा, सूजन जैसे समस्याएं हो सकती है.

मसल्ज़ पेन का उपचार-

इसका उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है.पहले यह जाने की कारण क्या है. कुछ उपाय है जिन्हें आप मसल्ज़ पेन में ट्राई कर सकते है जैसे बर्फ़ की सिकाई. 10 से 15 मिनट तक दिन में 3 बार उस बर्फ़ से पेन वाले हिस्से में सेक करें. ज़्यादा वज़न ना उठायें और पूरा आराम करें.

कई बार ऐसा भी होता है की मोच खिंचाव के कारण मांसपेशियों में दर्द पैदा हो जाता है. यह दर्द कभी कभी मांसपेशियों के टिश्यूज़ का टूट जाना और सूजन भी होता है. यह मोच एक्सर्सायज़ के समय, फिसलने, टक्कर लगने या फिर ग़लत पोज़िशन में बेठने और सोने से भी हो सकती हैं.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की इन खबर पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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