पटना : लंबे समय के इंतजार के बाद बिहार सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर नई नीति की घोषणा कर दी है। सोमवार (7 अक्टूबर) को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मीडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। नई नीति के तहत अब बीपीएससी, पुराने शिक्षकों और योग्यता पास शिक्षकों को अपने जिले में रहने का मौका मिलेगा। पति-पत्नी की एक ही स्कूल में पोस्टिंग हो सकेगी। कुल मिलाकर इसका लाभ राज्य कर्मचारी बन चुके शिक्षकों को मिलेगा, लेकिन इसमें सभी को लाभ नहीं मिलने वाला है।
स्थानीय निकाय से चयनित नियोजित शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं होगा। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए जल्द ही आवेदन लिए जाएंगे। दिसंबर 2024 तक शिक्षकों की नए स्कूलों में पोस्टिंग कर दी जाएगी। ट्रांसफर-पोस्टिंग की नई नियमावली में यह महत्वपूर्ण रखा गया है कि दिव्यांग शिक्षकों के लिए सिविल सर्जन कार्यालय से दिया गया प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा। वहीं गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों को मान्यता प्राप्त अस्पताल से कराए जा रहे इलाज से संबंधित दस्तावेज जमा कराने होंगे। दिव्यांग व गंभीर बीमारी वाले को प्राथमिकता
दिसंबर में पहले चरण में नियोजित शिक्षकों को छोड़कर सभी शिक्षकों का एक साथ तबादला-पोस्टिंग किया जाएगा। विभाग द्वारा बनाए गए नए सॉफ्टवेयर आधारित एप्लीकेशन के जरिए ट्रांसफर -पोस्टिंग की जाएगी। ट्रांसफर -पोस्टिंग के लिए स्कूल में छात्रों और शिक्षकों के अनुपात को ध्यान में रखा जाएगा। स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफर -पोस्टिंग की जाएगी।
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