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Delhi Nursery Admission: ओरल टेस्ट से डोनेशन तक, इन बातों के आधार स्कूल नहीं दे सकते पॉइंट

नई दिल्ली, दिल्ली में नर्सरी दाख‍िले के लिए दौड़ शुरू हो चुकी है, अभिभावकों के लिए दिल्ली के टॉप पब्ल‍िक स्कूलों में बच्चों का नर्सरी दाखिला करवाना एक सपने की तरह होता है. स्कूलों में दाखिले के लिए लंबी-लंबी कतारें लगती हैं, बता दें दाखिला देने के समय स्कूलों को दिल्ली श‍िक्षा निदेशालय की ओर […]

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  • Last Updated: November 22, 2022 20:54:15 IST

नई दिल्ली, दिल्ली में नर्सरी दाख‍िले के लिए दौड़ शुरू हो चुकी है, अभिभावकों के लिए दिल्ली के टॉप पब्ल‍िक स्कूलों में बच्चों का नर्सरी दाखिला करवाना एक सपने की तरह होता है. स्कूलों में दाखिले के लिए लंबी-लंबी कतारें लगती हैं, बता दें दाखिला देने के समय स्कूलों को दिल्ली श‍िक्षा निदेशालय की ओर से तय मानदंडों का ध्यान रखना होता है. स्कूल सिबलिंग, घर से स्कूल की दूरी आदि ब‍िंदुओं पर प्वाइंट देते हैं, प्वाइंट मतलब दाख‍िले में ऐसे छात्रों को वरीयता मिलती है जिनके नंबर यानी की पॉइंट्स ज्यादा हों. लेकिन कई स्कूल अजीबोगरीब चीजों पर प्वाइंट देते हैं जो कि पूरी तरह से मना है, ऐसे में, आइए बताते हैं कि स्कूल किन चीजों पर प्वाइंट नहीं दे सकते और दाखिले के लिए क्या डिमांड नहीं कर सकते:

इन आधार पर नहीं दिए जाएंगे पॉइंट्स

साल 2014 में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने इंटर स्टेट ट्रांसफर प्वाइंट सिस्टम को खत्म करने का आदेश दे दिया, तब से स्कूलों को इंटर स्टेट ट्रांसफर प्वाइंट देने का अध‍िकार नहीं है, इसके अलावा कई स्कूल फॉर्म में पेरेंट्स की शिक्षा के बारे में पूछते हैं, सिर्फ इतना ही नहीं ऐसा भी देखा गया है कि स्कूल पेरेंट्स की शिक्षा के आधार पर भी प्वाइंट भी देते हैं. इसमें जिनके माता पिता ज्यादा पढ़े लिखे हैं, उन्हें ज्यादा पॉइंट मिल जाते हैं, लेकिन नियमों के मुताबिक स्कूल इन आधार पर पॉइंट नहीं दे सकते हैं.

बता दें, कोई भी स्कूल दाख‍िले के लिए छात्र का किसी भी तरह का टेस्ट नहीं सकता. न ही अभ‍िभावकों का इंटरव्यू या अंग्रेजी बोलने को वरीयता दे सकता है और अगर कोई स्कूल अभ‍िभावकों पर इस तरह का दबाव डालता है तो ये सरकार के दाख‍िला नियमों के खिलाफ माना जाएगा.

कई स्कूल ऐसे बच्चों का दाख‍िला लेने में रुचि दिखाते हैं जो ज्वाइंट फैमिली में रहते हैं, वहीं कई स्कूल जो माइनारिटीज कम्यूनिटी के होते हैं, उसमें वेजि‍टेरियन को भी प्वाइंट देते हैं, बता दें स्कूल किसी भी हाल में ऐसी चीजों पर प्वाइंट नहीं दे सकते जो बच्चों में विभेद की भावना लाए.

कई स्कूल फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व यानी क‍ि पहले आओ पहले पाओ वाली पॉलिसी पर दाखिला देते हैं, जबकि ऐसा नहीं किया जा सकता.

 

 

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