नई दिल्ली। अक्सर जब बच्चों से पूछा जाता है कि वो बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं? तो कोई कहता है कि डॉक्टर, तो कोई इंजीनियर लेकिन क्या कभी किसी बच्चे के मुंह से सुना है कि मैं मौसम वैज्ञानिक(Meteorologist) बनूंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आज बच्चे तो बच्चे ,बड़ों को भी मौसम वैज्ञानिक के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती कि मौसम वैज्ञानिक कौन हैं और इनका काम क्या है? या ये कि मौसम वैज्ञानिक बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी होती है। आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब।
दरअसल, मौसम वैज्ञानिक सुनकर लगता है कि ये केवल मौसम की जानकारी देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। मौसम वैज्ञानिक पृथ्वी के Atmosphere और physical environment, पृथ्वी पर उनके विकास, प्रभाव और परिणामों का अध्ययन करते हैं। मौसम वैज्ञानिक बनने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स को 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से पास करने की ज़रूरत होती है। जिसके बाद वो वायुमंडलीय विज्ञान में बीटेक या मौसम विज्ञान में बीएससी कर सकते हैं। भारत में ये आईआईटी द्वारा पेश किया जाता है, जिसमें प्रवेश जेईई मेन स्कोर पर आधारित होता है। Meteorologist बनने के लिए ग्रेजुएशन के अलावा डिप्लोमा कोर्स भी किया जा सकता है।
बता दें कि भारत के कई बड़े विश्वविद्यालयों में Meteorology की पढ़ाई होती है। जिसमें आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर, बीयू भोपाल, एस.आर.एम यूनिवर्सिटी, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई शामिल हैं। इनमें एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE), ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE), दिल्ली यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (DUET) जैसी परीक्षाएं पास करनी होती हैं।
कोर्स पूरा करने के बाद अनुसंधान केंद्र, कृषि योजना विभाग, मौसम परामर्श संगठनों में काम मिलता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) शीर्ष भर्ती एजेंसियां हैं। यही नहीं, उम्मीदवारों को विदेश के मौसम Analysis संस्थानों के साथ काम करने का भी अवसर मिल सकता है। मौसम वैज्ञानिकों को शुरुआत में 6 से 10 लाख रुपये सालाना वेतन मिलता है, जबकि अनुभव और पद के आधार पर वेतन बढ़ता है।
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