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National Education Day 2019: भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की याद में मनाया जा रहा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, जानिए शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान

National Education Day 2019, Rashtriya Shiksha Diwas: आज भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है. 11 नवंबर को देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिन होता है. मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को ही साल 2008 से नेशनल एजुकेश डे के रूप में मनाते हैं.

National Education Day 2019
inkhbar News
  • Last Updated: November 11, 2019 09:44:42 IST

नई दिल्ली. National Education Day 2019: आज यानी कि 11 नवंबर को पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) मनाया जा रहा है. नेशनल एजुकेशन डे स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री, स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर मनाया जाता है. बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने साल 2008 मे घोषणा की थी कि अबुल कलाम आजाद के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किय था.

मौलाना अबुल कलाम आजाद का आज 131वीं जयंती है. मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को, मक्का में हुआ था. उनका असली नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन था. जब वह मात्र 11 साल के थे तब उनकी माता का देहांत हो गया। उनकी आरंभिक शिक्षा इस्लामी तौर तरीकों से हुई. घर पर या मस्ज़िद में उन्हें उनके पिता तथा बाद में अन्य विद्वानों ने पढ़ाया. मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे और उनका कार्यकाल 1947 से 1958 तक रहा.

उन्होंने 11 सालों तक भारत की शिक्षा नीति का नेतृत्व किया. उनका कहना था कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा दी जानी चाहिए. उन्होंने न केवल महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया बल्कि उन्होंने 14 साल की आयु तक सभी बच्चों के लिए निशुल्क सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा की वकालत की. मौलाना आजाद को 35 वर्ष की उम्र में ही इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी. वह ऐसा करने वाले सबसे नौजवान शख्स थे.

मौलाना अबुल कलाम आजाद की देखरेख में ही भारत में शिक्षा के क्षेत्र अनेक कार्य हुए. संगीत नाटक अकादमी (1953) , साहित्य अकादमी (1954), ललित कला अकादमी (1954) का गठन उनके नेतृत्व में ही किया गया था. इसके अलावा 28 दिसंबर 1953 को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) की स्थापना की थी और देश के पहले आईआईटी (IIT खड़गपुर) की भी स्थापना की श्रेय भी उन्हें ही जाता है. मौलाना अबुल कलाम आजाद को साल 1992 में भारत रत्न से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था.

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