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Paper Leak Rumour: पेपर लीक की अफवाह फैलाई तो मिलेगी सजा, जान लें ये कानून

नई दिल्ली। आए दिन पेपर लीक की खबरें सामने आ रही हैं। कई बार ये खबरें झुठी होती हैं तो कई बार सच्ची। इस तरह की झूठी अफवाहें सिर्फ अभ्यार्थियों और उनके परिजनों को परेशान करने के लिए फैलाई जाती हैं। जिससे काफी समस्याएं भी खड़ी हो जाती हैं। हाल ही में झारखंड लोक सेवा […]

Paper Leak Rumor
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  • Last Updated: March 19, 2024 17:22:14 IST

नई दिल्ली। आए दिन पेपर लीक की खबरें सामने आ रही हैं। कई बार ये खबरें झुठी होती हैं तो कई बार सच्ची। इस तरह की झूठी अफवाहें सिर्फ अभ्यार्थियों और उनके परिजनों को परेशान करने के लिए फैलाई जाती हैं। जिससे काफी समस्याएं भी खड़ी हो जाती हैं। हाल ही में झारखंड लोक सेवा आयोग की पीसीएस प्री परीक्षा को लेकर भी झूठी पेपर लीक की अफवाह उड़ाई गई। यही नहीं इसे लेकर विरोध-प्रदर्शन भी किया गया और पेपर लीक का झूठा वीडियो भी वायरल किया गया था। हालांकि बोर्ड ने ये स्पष्ट किया कि ये खबर झूठी है और कोई पेपर लीक नहीं हुआ।

अफवाह फैलाने पर की जाएगी कार्यवाही

इस संबंध में झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन ने कहा, जिन लोगों ने पेपर लीक की खबर फैलाई है उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इन लोगों पर झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा अधिनियम, 2023 के तहत कार्रवाई हो सकती है। जिसके तहत भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय के तौर पर एक्शन लिया जाता है।

इस अधिनियम के अंतर्गत, प्रतियोगी परीक्षा में नकल करते पकड़े जाने पर दोषी को एक से तीन साल तक की सजा सुनाई जाएगी। इसके अलावा पांच लाख तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। हालांकि, पहले के समय में सात साल और पांच साल की सजा का प्रावधान था जिसे पांच साल और तीन साल कर दिया गया है।

इन पर भी लागू होगा नियम

बता दें कि इस अधिनियम के तहत परीक्षा एजेंसियों, कर्मचारियों द्वारा उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों द्वारा पेपर लीक करने पर उन्हें भी ये सजा मिलेगी। इसमें पहली बार पकड़े जाने पर स्टूडेंट को एक साल की सजा और पांच लाख तक का जुर्माना हो सकता है। जबकि दोबारा दोषी पाए जाने पर तीन साल की सजा और दस लाख का जुर्माना हो सकता है।

आमतौर पर अफवाह फैलाने वाले दोषियों पर आईटी एक्ट – 2000 के तहत तीन साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगाया जाता है। जबकि, सोशल मीडिया पर दोबारा ऐसा करने पर पांच साल की सजा और दस लाख जुर्माना लगाया जाता है। यही नहीं, पेपर लीक कराने वालों को विधेयक 2024 के तहत दस साल की जेल और एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। हालांकि, इस कानून से अभ्यार्थियों को बाहर रखा गया है।